बिहार में पकड़ा गया फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाला गिरोह, सरगना समेत छह गिरफ्तार

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Bihar: बिहार के भागलपुर में बड़े पैमाने पर नकली शैक्षणिक सर्टिफिकेट बनाकर बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. भागलपुर साइबर थाना की टीम ने यह कार्रवाई की है. पुलिस ने इस कार्रवाई में गिरोह के सरगना सहित कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके तार दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड तक जुड़े हुए हैं.

SSP को फर्जी प्रमाण-पत्र तैयार करने की मिली थी जानकारी

SSP हृदय कांत को चंद्रलोक कॉम्प्लेक्स स्थित सोनू साइबर कैफे से फर्जी प्रमाण-पत्र तैयार करने की जानकारी मिली थी. सूचना की पुष्टि के लिए DSP कनिष्क श्रीवास्तव के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई. योजना के तहत तकनीकी टीम के एक सदस्य को छात्र बनाकर नकली सर्टिफिकेट लेने भेजा गया.कैफे में बैठे आरोपी ने मात्र 25 मिनट में प्रमाण-पत्र तैयार कर दिया और इसके बदले 500 रुपये की मांग की. जैसे ही पैसे और सर्टिफिकेट का लेन-देन हुआ, पहले से मौजूद पुलिस टीम ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया.

मौजूद पांच अन्य सहयोगी भी गिरफ्तार

इसके साथ ही कैफे में मौजूद पांच अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. छापेमारी में पुलिस ने छह सीपीयू, तीन लैपटॉप, सात मॉनिटर और 40,700 रुपये नकद बरामद किए. इस पूरे अभियान में DSP कनिष्क श्रीवास्तव के साथ दारोगा शिव कुमार सुमन, इंस्पेक्टर राकेश कुमार, प्रशांत कुमार, अमित कुमार, संतोष कुमार, ऋतु कुमारी और कई अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे.

गिरफ्तार लोगों में ये शामिल

गिरफ्तार लोगों में हुसैनाबाद निवासी सरगना मुहम्मद शाहनवाज उर्फ सोनू, हबीबपुर के मुहम्मद अकरम, अमरपुर (बांका) के मनोहर मंडल, शाहजंगी निवासी मुहम्मद अमरुद्दीन, मोहिबअली चक के मुहम्मद अमन और इशाकचक के मुहम्मद आफरीद शामिल हैं. भागलपुर में पकड़े गए फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह की पहुंच सिर्फ बिहार तक ही सीमित नहीं थी. सरगना शाहनवाज हुसैन उर्फ सोनू के तार दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड तक जुड़े पाए गए हैं.

आठवीं से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक के तैयार करता था डिग्री सर्टिफिकेट

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह गिरोह आठवीं कक्षा से लेकर ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन तक के डिग्री सर्टिफिकेट तैयार करता था. इसके अलावा एनसीसी, संस्कृत और हिंदी साहित्यए बी.एड, नर्सिंग से लेकर मेडिकल क्षेत्र के बीएचएमएस और डीएचएमएस तक के सर्टिफिकेट भी नकली तरीके से बनाकर बेचता था. जांच में पता चला कि मेरठ, अलीगढ़, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, रामपुर, जमशेदपुर, धनबाद और सीमांचल के जिलों में भी इस गिरोह के एजेंट सक्रिय थे. इन्हीं एजेंटों की डिमांड पर सर्टिफिकेट तैयार किए जाते थे और छात्रों को बेचे जाते थे.

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