पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के प्रस्तावित मुर्शिदाबाद दौरे को लेकर भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने तीखा हमला बोला है. उन्होंने ममता बनर्जी पर मुर्शिदाबाद हिंसा में हिंदू पीड़ितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. दिलीप घोष ने कहा, ममता को हिंसा प्रभावित इलाकों में पहले ही जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इमामों के साथ बैठकें और मंदिरों के उद्घाटन को प्राथमिकता दी. ममता बनर्जी की मंशा पर सवाल उठाते हुए घोष ने कहा, ममता बनर्जी को मुर्शिदाबाद पहले ही जाना चाहिए था. वह क्यों नहीं गईं?
उन्होंने इमामों को बुलाया, बैठकें कीं, उनकी प्रशंसा की और मंदिरों का उद्घाटन किया, लेकिन वह उन जगहों पर कभी नहीं गईं जहां हिंदू पीड़ित थे. मुर्शिदाबाद और मालदा में हिंदुओं को बार-बार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. उनके घर नष्ट कर दिए गए, संपत्ति जला दी गई और उन्हें वहां से पलायन करना पड़ा. ममता ने इसके बारे में कभी कुछ नहीं कहा. अब वह इतनी देर से जा रही हैं कि सारे सबूत मिटा दिए जाएंगे और वहां कुछ भी नहीं बचेगा. उन्हें वहां पहले ही जाना चाहिए था। वह क्यों नहीं गई?
मुर्शिदाबाद में 11 और 12 अप्रैल को वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे. भाजपा ने दावा किया है कि इस हिंसा में हिंदुओं को निशाना बनाया गया और करीब 400 हिंदू परिवारों को अपने घर छोड़कर मालदा और झारखंड के पकुर जिले में शरण लेनी पड़ी. बीजेपी ने ममता सरकार पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा, वह हिंसा के पीड़ित हिंदुओं के प्रति उदासीन रही हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान क्षेत्र में भड़की हिंसक झड़पों, मौतों और बर्बरता की घटनाओं के बाद सोमवार, 05 मई को मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करने वाली हैं. क्षेत्र में फैली अशांति के बाद बनर्जी का यह जिले का पहला दौरा है.