Cyber Fraud : त्योहारों के सीजन में ऑनलाइन सेल और ऑफर्स बढ़ने के साथ साइबर ठग भी सक्रिय हो जाते हैं. बता दें कि सोशल मीडिया या ईमेल पर मिलने वाले फ्री दिवाली गिफ्ट्स या फिर डिलीवरी फेल्ड वाले लिंक अब सबसे आम ठगी के तरीके बन चुके हैं. जानकारी के मुताबिक, Amazon या India Post जैसे ब्रांड्स के नाम पर भेजे जाने वाले ये मैसेज असल में नकली होते हैं और इसका मुख्य कारण आपके बैंक डिटेल्स या पासवर्ड चुराना होता है.
जल्दबाजी में करते हैं ये गलती
सोशल मीडिया के आंकड़े के अनुसार दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों में लोग लिमिटेड टाइम ऑफर्स की जल्दी में लिंक पर क्लिक तो कर देते हैं और जल्दबाजी में उसकी असलियत जांचना भूल जाते हैं. बता दें कि कई बार नकली वेबसाइट्स भी असली जैसी दिखती हैं. ऐसे में चमकदार लोगो, फर्जी रिव्यू और “बहुत सस्ते दाम देकर ये ग्राहकों को फंसाती हैं.
इन समय में स्कैमर्स होते हैं एक्टिव
ऐसे में त्योहारो के समय में खरीदारी बढ़ने के साथ स्कैमर्स भी ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. वे ईमेल, कॉल या SMS के ज़रिए Amazon जैसी कंपनियों का नाम लेकर ग्राहकों को फंसाते हैं. जानकारी के मुताबिक, अधिकतर मामलों में ‘ऑर्डर कैंसिल’ या ‘अकाउंट सस्पेंड’ का डर दिखाकर वे लिंक पर क्लिक करवाते हैं.”
Amazon ने ब्लॉक किए थे हजारों नंबर
जानकारी देते हुए बता दें कि पिछले साल Amazon ने 55,000 से ज्यादा फ़िशिंग वेबसाइट्स और 12,000 स्कैम नंबर ब्लॉक किए. उन्होंने बताया कि स्कैमर्स ऐसी वेबसाइट्स बनाते हैं जो असली ब्रांड्स जैसे Amazon या Flipkart की हूबहू कॉपी होती हैं. इसके साथ ही वे भारी डिस्काउंट्स और ‘लास्ट मिनट ऑफर’ दिखाकर लोगों को पेमेंट करने के लिए उकसाते हैं. इतना ही नही बल्कि भुगतान के बाद या तो नकली प्रोडक्ट भेजा जाता है और या फिर कुछ भेजा ही नही जाता.
नकली वेबसाइटों की पहचान
प्राप्त जानकारी के अनुसार एड्रेस बार में ‘https://’ या ताले का निशान न हो, WhatsApp या SMS में लॉगिन या पेमेंट लिंक भेजे जाएं, इसके साथ ही इन वेबसाइटों पर ऑफर्स इतने सस्ते दिए जाते हैं कि यकीन करना मुश्किल लगे, खराब ग्रामर, नकली रिव्यू या कॉन्टैक्ट डिटेल का अभाव, सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प, कोई “कैश ऑन डिलीवरी” नहीं, “अकाउंट सस्पेंड” या “वेरिफिकेशन जरूरी” जैसे मैसेज आएं, OTP, पासवर्ड या कार्ड डिटेल मांगी जाए. तो बता दें कि (Amazon कभी नहीं मांगता).
गलती से भुगतान करने पर करें ये उपाय
ऐसे में स्थिति में अगर आपने गलती से भुगतान कर दिया है तो तुरंत अपने बैंक या UPI ऐप को कॉल करें और कार्ड ब्लॉक करवाएं. इसके साथ ही वेबसाइट के स्क्रीनशॉट और पेमेंट डिटेल्स सुरक्षित रखें और cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें. वित्तीय धोखाधड़ी हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें. दूसरों को चेताएं ताकि और लोग न फंसें.
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