UNESCO के विश्व धरोहर सूची में शामिल हुआ ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप’, पीएम मोदी बोले- ‘इस सम्मान से हर भारतीय गदगद’

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Forts of Maharashtra: भारत की सांस्कृतिक विरासत में यूनेस्को ने ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप’ यानी ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ को अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है. हालांकि, इससे पहले भी इस सूची में महाराष्‍ट्र के कई किलों को शामिल किया जा चुका है. बता दें कि यह भारत की 44वीं ऐसी संपत्ति है, जो यूनेस्‍कों की लिस्‍ट में शामिल हुई है.

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्‍ट में लिखा कि “इस सम्मान से हर भारतीय गदगद है. इन ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप’ में 12 भव्य किले शामिल हैं, जिनमें से 11 महाराष्ट्र में और 1 तमिलनाडु में है, उन्‍होंने आगे कहा कि ज‍ब हम गौरवशाली मराठा साम्राज्य की बात करते हैं, तो हम इसे सुशासन, सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक कल्याण पर जोर से जोड़ते हैं.

पीएम मोदी ने किया ये आह्वान

पीएम मोदी ने कहा कि महान शासक किसी भी अन्याय के आगे न झुकने के अपने साहस से हमें प्रेरित करते हैं. मैं सभी से इन किलों को देखने और मराठा साम्राज्य के समृद्ध इतिहास के बारे में जानने का आह्वान करता हूं.” वहीं, एक अन्‍य पोस्‍ट में उन्‍होंने लिखा कि ये 2014 में रायगढ़ किले की मेरी यात्रा की तस्वीरें हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करने का अवसर मिला था. उस यात्रा को मैं हमेशा संजो कर रखूंगा.”

भारत के लिए एक अद्भुत क्षण

इस उपलब्धि पर पीएम मोदी के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी एक्स पर अपने पोस्‍ट में लिखा कि “सचमुच, यह महाराष्ट्र और भारत के लिए एक अद्भुत क्षण है.” उन्होंने संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का जिक्र करते हुए कहा कि “इसे संभव बनाने के लिए आपके सभी प्रयासों और समर्थन के लिए धन्यवाद.”

पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्‍मीद

वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह सम्मान भारत की प्राचीन सभ्यता और मराठा साम्राज्य की वास्तुकला की उत्कृष्टता को उजागर करता है. बता दें कि ये किले 17वीं से 19वीं सदी के बीच निर्मित हुए और मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीति, स्थापत्य कला और पर्यावरण के साथ सामंजस्य का प्रतीक हैं. इन किलों में रायगढ़, शिवनेरी, तोरण, लोहगढ़ और साल्हेर जैसे नाम शामिल हैं, जो मराठा शौर्य और साहस की कहानियां बयां करते हैं. इस उपलब्धि से महाराष्ट्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

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