Hemis Festival Ladakh 2025: पैंगोंग झील, नुब्रा घाटी, लामायुरु- लद्दाख में यात्रियों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ है. लेकिन यदि आप जुलाई में यहां आते है, तो आपके लिए हेमिस गोम्पा में रुककर क्षेत्र के सबसे जीवंत त्योहार: हेमिस महोत्सव का अनुभव जरूर लेना चाहिए, जो यहां का वार्षिक त्योहार है.
बता दें कि इस वर्ष हेमिस महोत्सव 5 और 6 जुलाई को मनाया जा रहा है, जो गुरु पद्मसंभव से जुड़ा हुआ है. हेमिस मठ में यह वार्षिक उत्सव आपको लद्दाख की सांस्कृतिक जड़ों की ओर ले जाता है और आपको हिमालय की विरासत को करीब से जानने का मौका देता है.
लद्दाख के सबसे बड़े मठ में मनाया जाता है ये महोत्सव
दरअसल, लद्दाख के सबसे बड़े मठ हेमिस गोम्पा में मनाया जाने वाला यह त्योहार गोम्पा के विशाल आंगन में होता है, जो दो दिन नृत्य, संगीत और प्रदर्शनों से सजे होते हैं. बता दें कि इस त्योहार का एक मुख्य आकर्षण चाम नृत्य है, जो लामाओं और भिक्षुओं द्वारा किया जाता है. इस नृत्य के लिए वे गुरु पद्मसंभव के आठ अलग-अलग अवतारों का प्रतिनिधित्व करने वाले मुखौटे पहनते हैं.
दुनियाभर से लद्दाख आते है पर्यटक
खास बात ये है कि इस नृत्य को देखने के लिए दुनिया भर से भक्त और पर्यटक लद्दाख में इक्ट्ठा होते है, और मैदान ढोल की थाप, झांझ की खनक और घंटियों की लयबद्ध ध्वनि से गूंज उठता है. इस दौरान महासिद्धों के थंगका (बौद्ध चित्र) और बुद्ध और गुरु पद्मसंभव की बड़ी मूर्तियों से सजा हुआ मठ निश्चित रूप से देखने लायक है.
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