Operation Sindoor: पहलगाम हमले के ठीक 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है. भारत ने इस हमले का बदला पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक से लिया है. भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया- ऑपरेशन सिंदूर. इस ऑपरेशन का मकसद था उन आतंकवादियों को ढूंढना और खत्म करना, जिन्होंने इस कायराना हमले को अंजाम दिया. कई घंटों की मेहनत, पहाड़ों में सर्च ऑपरेशन, और दुर्गम इलाकों में मुकाबले के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों को ढेर कर दिया.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इस ऑपरेशन का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ही क्यों रखा गया. लोग इस नाम को लेकर लगातार सर्च कर रहे हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि इसके पीछे सरकार का मकसद क्या रहा होगा.
भारतीय संस्कृति में सुहाग से जुड़ा है सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर… नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में आता है एक लाल रंग, जो भारतीय संस्कृति में सुहाग, शक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक है. लेकिन जब यही लाल रंग कश्मीर की वादियों में शहीदों के खून के रूप में बिखरता है, तो वो सिर्फ एक रंग नहीं रहता, बल्कि त्याग और बलिदान की गाथा बन जाता है. आतंकवादियों ने कई नवविवाहितों का सुहाग उजाड़ दिया, जिसके बाद सरकार ने इस ऑपरेशन को ये नाम देकर चेतवानी दी है कि उन महिलाओं की आंखों से निकले आंसू का बदला भारत लेकर ही रहेगा.
आतंकियों ने छिन लिया था नवविवाहितों का सुहाग
पहलगाम आतंकी हमले में आतंकवादियों ने कई ऐसे लोगों को मार दिया था, जिनकी हाल ही में शादी हुई थी. इसमें नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल थे. हमले की तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तब विनय नरवाल की शोकग्रस्त विधवा की मांग में उनका सिंदूर चमक रहा था. उनके इस सिंदूर को देखकर हर किसी का कलेजा फट गया.
क्या है आपरेशन सिंदूर का मतलब
ऑपरेशन सिंदूर नाम देने के पीछे का मकसद है कि भारत अब किसी के सिंदूर पर आंच नहीं आने देगा. भारत ये संकल्प लेता है कि अब सभी के सिंदूरों को महफूज रखा जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर जिनकी शादी पहलगाम में टूटी, उनके प्रति ऋद्धांजलि के साथ शहीदों के सम्मान और न्याय की रक्षा का भी प्रतीक है.