India-Philippines Relations: दक्षिण पूर्व एशिया में भारतीय नौसेना की चल रही परिचालन में भाग के रूप, नेवी के तीन जहाज INS दिल्ली, शक्ति और किलटन फिलीपींस की राजधानी मनिला पहुंचे हैं. ये तीनों जहाज भारतीय नौसेना के ईस्टर्न फ्लीट से जुड़े हैं जिनकी कमान पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल सुशील मेनन (FOCEF) के हाथों में हैं.
क्या हुआ इस दौरे में?
फिलीपींस नौसेना ने इन जहाजों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इससे दोनों देशों के बीच मजबूत और बढ़ते समुद्री संबंधों को बल मिला. यह दौरा इस बात का भी सबूत है कि भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मजबूत रिश्ते बनाना चाहता है. इस दौरे में दोनों देशों की नौसेनाएं कई संयुक्त गतिविधियां करेंगी. आगमन पर, रियर एडमिरल मेनन ने स्थानीय मीडिया प्रतिनिधियों से बात की और स्थिरता एवं समुद्री सुरक्षा बनाए रखने के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला. मेनन ने मित्रवत समुद्री बलों के बीच समझ, विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने में ऐसी तैनाती के महत्व पर ज़ोर दिया.
युद्ध की योजना पर चर्चा
- विशेषज्ञों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान
- एक-दूसरे के जहाजों का दौरा
- मिलकर एक छोटा युद्ध अभ्यास भी किया जाएगा
- इनका उद्देश्य एक-दूसरे को समझना, भरोसा बढ़ाना और साथ मिलकर काम करने की क्षमता मजबूत करना है
चीन के लिए स्पष्ट संकेत
भारतीय नौसेना का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दखलंदाजी को लेकर कई देश परेशान हैं. चीन और फिलीपींस के बीच समुद्री सीमा विवाद जगजाहिर है. ऐसे में भारत का यह दौरा न केवल दोस्ती का संदेश है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संतुलन और कानून आधारित व्यवस्था का समर्थक है.
भारत का साफ संदेश
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी के दबाव में नहीं आता और अपने दोस्तों के साथ मजबूती से खड़ा रहता है. इस दौरे से न सिर्फ दोनों की दोस्ती मजबूत होगी, बल्कि चीन को भी यह संदेश मिलेगा कि भारत अब दक्षिण-पूर्व एशिया में चुप नहीं बैठेगा. भारतीय जहाजों की यह यात्रा महज एक मैत्रीपूर्ण मुलाकात नहीं बल्कि एक रणनीतिक कदम है. भारत दुनिया को दिखा रहा है कि वह शांति, सुरक्षा और दोस्ती के रास्ते पर चलते हुए भी दबाव का जवाब देना जानता है.
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