Indo-Tibetan Border Police: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)का आज 64वां स्थापना दिवस है. इस खास मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस को बधाई और शुभकामनाएं दी है. गृह मंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आईटीबीपी कर्मियों को उनके स्थापना दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं. कठिन और दुर्गम परिस्थितियों में राष्ट्र की गरिमा की रक्षा करते हुए आईटीबीपी के हिमवीरों ने अपने साहस और राष्ट्र के प्रति समर्पण के गौरवशाली उदाहरण स्थापित किए हैं. देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को सलाम. ”
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के बाद की गई थी. यह बल भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की सुरक्षा करता है.
आईटीबीपी के गठन उद्देश्य
साल 1962 के युद्ध के पहले सप्ताह में चार बटालियनों के साथ इस बल का गठन किया गया था, जिनका उद्देश्य खुफिया जानकारी एकत्र करना, पारंपरिक और गुरिल्ला युद्ध लड़ना और चीनी सीमा पर भारतीय संचार प्रणालियों को बेहतर बनाना था. इसका गठन सीआरपीएफ अधिनियम के तहत किया गया था. इसने भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 और 1971 के युद्धों में हिस्सा लिया था. वहीं, 1978 में इसका पुनर्गठन किया गया, जिसमें 9 सर्विस बटालियनों, चार स्पेशलिस्ट बटालियनों और दो ट्रेनिंग सेंटर शामिल किए गए.
बता दें कि आईटीबीपी के स्थापना अधिकारी भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल नसीब सिंह थे, जो भारतीय सेना की 9 गोरखा रेजिमेंट की चौथी बटालियन के स्थापना अधिकारी भी थे. वहीं, आईटीबीपी ने 1982 के एशियाई खेलों के साथ-साथ गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 7वें शिखर सम्मेलन और 1983 के राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन के दौरान भी सुरक्षा सेवाएं दीं.
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