इसरो का ऐतिहासिक कदम, बना रहा 40 मंजिला ऊंचा रॉकेट, अंतरिक्ष में ले जा सकेगा इतना वजन?

Must Read

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देशवासियों को कई बार गौरवान्वित किया है. इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने मंगलवार को बड़ी घोषणा करते कहा अंतरिक्ष एजेंसी एक ऐसे रॉकेट पर काम कर रही है, जिसकी ऊंचाई 40 मंजिला इमारत जितनी होगी. साथ ही यह  75,000 किलोग्राम भार वाले ‘पेलोड’ को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने में सक्षम होगा. यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक कदम है

क्या है यह नया प्रोजेक्ट?

नारायणन ने कहा कि भारत का पहला रॉकेट, जिसे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने बनाया था, 17 टन का था और वह सिर्फ 35 किलो भार ले जा सकता था. आज हम 75,000 किलोग्राम भार ले जाने वाले रॉकेट की कल्पना कर रहे हैं, जिसकी ऊंचाई 40 मंजिला इमारत जितनी होगी.’’उन्होने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर भारत जल्द 40-50 अंतरिक्ष यात्रियों की टीम तैयार करेगा, जो भविष्य के मिशनों का नेतृत्व करेंगे. समारोह में तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें मानद डॉक्टरेट ऑफ साइंस की उपाधि दी.

क्यों है यह रॉकेट खास?

विशाल क्षमता: 75 टन का पेलोड ले जाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. अभी इसरो का सबसे भारी रॉकेट LVM3 है, जो 10,000 किलोग्राम तक का पेलोड लो अर्थ ऑर्बिट में ले जा सकता है. नया रॉकेट इससे सात गुना ज्यादा वजन ले जाएगा. तुलना के लिए, दुनिया का सबसे भारी व्यावसायिक उपग्रह जुपिटर 3 (9,200 किलोग्राम) है, जिसे स्पेसएक्स ने लॉन्च किया था.

स्वदेशी तकनीक: इस रॉकेट में इसरो की स्वदेशी तकनीक का उपयोग होगा, जो भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है.

सैन्य और नागरिक उपयोग: पृथ्वी अवलोकन और नेविगेशन जैसे क्षेत्रों में भारत की ताकत बढ़ाएगा.

अंतरराष्ट्रीय सहयोग: अमेरिका के 6,500 किलोग्राम के उपग्रह को लॉन्च करना भारत की अंतरिक्ष में बढ़ती विश्वसनीयता को दिखाता है. इसरो पहले से ही नेक्स्ट जनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV) पर काम कर रहा है, जिसमें पहला चरण पुन: उपयोग योग्य होगा. यह नया रॉकेट भी इस दिशा में एक कदम हो सकता है.

अब तक भारत 133+ सैटेलाइट्स स्पेस भेज चुका

नारायणन ने कहा कि आज भारत दुनिया की अग्रणी अंतरिक्ष ताकतों में शामिल है. अब तक 4,000 से ज्यादा रॉकेट लॉन्च किए जा चुके हैं. 1975 में आर्यभट्ट से शुरुआत हुई थी और अब 133 से ज्यादा सैटेलाइट्स भेजे जा चुके हैं, जिनमें 6,000 किलो वजनी जीसैट-11 भी शामिल है.

इसे भी पढ़ें:-CM Rekha Gupta पर हुए हमले की आतिशी ने की निंदा, बोलीं- लोकतंत्र में हिंसा के लिए जगह नहीं

Latest News

टैरिफ के धमकी के बाद भारत-रूस ने कर ली बड़ी डील! IRIGC-TEC सत्रों के प्रोटोकॉल पर किया हस्ताक्षर

India Russia Relations : रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने कहा कि वर्तमान समय में भी रूस...

More Articles Like This