पटना में Khan Sir ने दी तीसरी रिसेप्शन पार्टी, 50,000 से ज्यादा छात्र हुए शामिल

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Khan Sir Reception Party: पटना के मशहूर शिक्षक खान सर की शादी के रिसेप्शन में बिहार सहित देश के कोने-कोने से आए 50,000 से ज्यादा छात्र शामिल हुए. यह भव्य आयोजन मंगलवार को पटना में आयोजित किया गया. खान सर ने अपनी शादी की तीसरी रिसेप्शन पार्टी दी है.

बताया रिस्पेशन का उद्देश्य

खान सर ने बताया कि इस रिसेप्शन का उद्देश्य न केवल उनकी शादी का जश्न मनाना है, बल्कि छात्रों को प्रेरित करना और उन्हें सम्मान देना भी है. रिसेप्शन में 156 प्रकार के व्यंजनों का इंतजाम किया गया, जिसमें साउथ इंडियन, नॉर्थ इंडियन, पंजाबी, सिंधी, चाइनीज, कॉन्टिनेंटल, वेज और नॉन-वेज जैसे तमाम स्वाद शामिल थे. खान सर ने कहा, “हमारा मकसद है कि बच्चों को वह सम्मान मिले जो वे डिजर्व करते हैं. लोग अक्सर उन्हें हल्के में लेते हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि ये बच्चे इतनी ऊंचाइयों को छुएं कि दुनिया उन्हें सलाम करे.”

वातानुकूलित पंडाल में किया गया आयोजन

आयोजन की खास बात यह रही कि इसे मौसम के हिसाब से व्यवस्थित किया गया. खान सर ने बताया कि मौसम विभाग से लगातार संपर्क रखा जा रहा है. बारिश के दिन आयोजन टाला जाता है, ताकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आने वाले छात्रों को कोई दिक्कत न हो. बिहार पुलिस और उनकी मैनेजमेंट टीम ने मिलकर व्यवस्था को बखूबी संभाला. पूरा आयोजन वातानुकूलित पंडाल में किया गया, ताकि बारिश का असर न पड़े.
खान सर ने पहले छात्राओं को आमंत्रित किया था. इसकी वजह भी बताई. उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए लड़कियां लक्ष्मी हैं.’ इसके बाद छात्रों का रिसेप्शन शुरू हुआ, जो एक हफ्ते तक चलेगा. रोजाना 15,000 के करीब मेहमानों को अलग-अलग समय में बुलाया जा रहा है. सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक यह आयोजन चलता है.

छात्रों के की ये खास अपील

खान सर ने छात्रों को प्रेरित करते हुए (Khan Sir Reception Party) कहा कि मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. उन्होंने दहेज प्रथा के खिलाफ भी आवाज उठाई और युवाओं से अपील की कि वे सफल होने के बाद दहेज न लें. उन्होंने कहा, “कल को इनमें से कोई प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बन सकता है, जैसे चाय बेचने वाले प्रधानमंत्री बने और अखबार बेचने वाले एपीजे अब्दुल कलाम. यह रिसेप्शन न केवल एक उत्सव था, बल्कि खान सर और उनके छात्रों के बीच के अटूट रिश्ते का प्रतीक भी बना. यह प्यार हमने कमाया है. ये बच्चे देश का भविष्य हैं.”

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