ब्रह्मोस से भी ज्यादा खतरनाक मिसाइल का परीक्षण करने की तैयारी में भारत, हिंद महासागर में NOTAM भी जारी

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Missile Test In Indian Ocean: भारत एक बार फिर अपनी रणनीतिक सैन्य क्षमताओं को नई ऊंचाई देने की तैयारी कर रहा है और इसी सिलसिले में 20 और 21 अगस्त 2025 को एक घातक मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है. यह परीक्षण हिंद महासागर क्षेत्र में होगा, जिसके लिए NOTAM (Notice to Airmen) भी जारी कर दिया गया है.

यह परीक्षण इतना खास इसलिए है कि क्योंकि यह मिसाइल भारत की अब तक की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों में से एक हो सकती है. जानकारों के मुताबिक, यह ब्रह्मोस से भी ज्यादा एडवांस और खतरनाक मिसाइल होगी, जिसकी रेंज 5,000 किलोमीटर से ज्यादा हो सकती है.

क्या है NOTAM और क्यों है यह महत्वपूर्ण?

दरअसल, NOTAM यानी Notice to Airmen एक आधिकारिक सूचना होती है जो बताती है कि किसी खास दिन और क्षेत्र में हवाई गतिविधियों पर रोक रहेगी. ऐसे में भारत ने 20-21 अगस्त के लिए जो नोटम जारी किया है, वह लगभग 4,790 किमी तक फैले एक एयरस्पेस को कवर करता है, जो कि सामान्य टेस्ट रेंज से काफी अधिक है. इससे साफ संकेत मिलता है कि यह परीक्षण लॉन्ग-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का हो सकता है.

कौन सी मिसाइल हो सकती है?

हालांकि रक्षा मंत्रालय द्वारा अभी तक ये जानकारी नहीं दी गई है, कि 20-21 अगस्‍त को किस मिसाइल का परीक्षण होना है, लेकिन कयास लगाए जा रहे है कि यह ‘अग्नि’ सीरीज की अगली पीढ़ी की मिसाइल हो सकती है. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर चर्चा है कि यह मिसाइल हाइपरसोनिक हो सकती है, जो जमीन, हवा और समुद्र, तीनों से लॉन्च की जा सकेगी.

क्या होगी इस मिसाइल की ताकत?

रेंज: 5,000 किलोमीटर

लॉन्च प्लेटफॉर्म: मल्टी-डोमेन (जमीन, समुद्र, हवा)

तकनीक: पूरी तरह देसी विकसित, स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन

दुश्मनों के लिए: डिटरेंस (रोके रखने वाला प्रभाव) के रूप में बड़ा संदेश

इस परीक्षण से भारत की रणनीतिक आत्मनिर्भरता (Strategic Autonomy) और दूरगामी मारक क्षमता का दुनिया को प्रमाण मिलेगा.

भारत का वैश्विक संदेश

जानकारों के मुताबिक, भारत हमेशा से अपनी सैन्य शक्ति को रक्षात्मक रणनीति के तहत विकसित करता आया है. ऐसे में यह परीक्षण किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से किया जा रहा है.

बता दें कि ब्रह्मोस जैसी मिसाइल ने पहले ही दुनिया में भारत की सैन्य टेक्नोलॉजी का लोहा मनवाया है. और अब, इस नई मिसाइल से भारत की छवि एक बार फिर मजबूत, सक्षम और आत्मनिर्भर शक्ति के रूप में उभरेगी.

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