बाढ़ का कहर: बिहार, उत्तराखंड, यूपी, एमपी और बंगाल में मचा हाहाकार, जल आयोग का अलर्ट जारी

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
मानसून का जलप्रलय देश के कई राज्यों में भारी तबाही मचा रहा है. नदियों का जलस्तर लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है, जिससे बिहार, उत्तराखंड, यूपी, एमपी, असम, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने इस आपदा की गंभीरता को देखते हुए 6 अगस्त को सुबह 6:39 बजे एक आपातकालीन बुलेटिन जारी किया है. इस बुलेटिन में इन राज्यों की नदियों के खतरे के निशान से ऊपर बहने की जानकारी दी गई है, जो इस बात की तरफ इशारा करता है कि कई इलाकों में बाढ़ का संकट बढ़ सकता है.

असम में बाढ़ का खतरा

असम के हैलाकांडी जिले में धलेश्वरी नदी (घारमुरा) का जलस्तर सुबह 6:00 बजे 29.74 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 28.05 मीटर से 1.69 मीटर अधिक है. इसी जिले में कटखल नदी (मतिजुरी) का जलस्तर 20.73 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 20.27 मीटर से 0.46 मीटर ऊपर है. वहीं, तिनसुकिया जिले की बुरिदेहिंग नदी (मार्गेरिटा) का जलस्तर 134.55 मीटर है, जो खतरे के निशान 134.42 मीटर से थोड़ा ऊपर है. इन नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.

बिहार में गंगा और सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

बिहार के कई जिलों में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. बक्सर में गंगा का जलस्तर 60.85 मीटर, पटना के दानापुर में 51.92 मीटर, दीघाघाट में 51.1 मीटर, गांधीघाट में 49.87 मीटर, और हथिदह में 42.74 मीटर दर्ज किया गया है, जो सभी खतरे के स्तर से अधिक हैं. इसके अलावा, भोजपुर, भागलपुर और खगड़िया जिलों में भी गंगा नदी की स्थिति गंभीर बनी हुई है. बिहार की अन्य सहायक नदियां जैसे बाया, बूढ़ी गंडक, कोसी, बागमती, पुनपुन और धरधा भी खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. खासकर खगड़िया में कोसी नदी (बलतारा) का जलस्तर 34.81 मीटर और कटिहार में 30.73 मीटर तक पहुंच चुका है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है.

खतरे के निशान से ऊपर बह रही भागीरथी नदी

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर गंभीर स्थिति में है. अलकनंदा नदी का जलस्तर रुद्रप्रयाग में 627.6 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि मंदाकिनी नदी गौरीकुंड में 1976.8 मीटर पर बह रही है. इसके अलावा, हरिद्वार में बाणगंगा नदी और टिहरी गढ़वाल में भागीरथी नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. झारखंड के साहेबगंज में गंगा नदी का जलस्तर 27.74 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के स्तर से 0.49 मीटर अधिक है.

खतरे के निशान से ऊपर बह रहा सिंध नदी का जलस्तर

मध्य प्रदेश के दतिया में सिंध नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश के बदायूं और वाराणसी में भी गंगा नदी का जलस्तर गंभीर स्थिति में है. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में गंगा नदी (फरक्का) का जलस्तर 23.04 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 0.79 मीटर अधिक है. इन नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ का खतरा बना हुआ है.

केंद्रीय जल आयोग ने जारी किया अलर्ट

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने स्थानीय प्रशासन और निवासियों को नदियों के किनारे सतर्क रहने की हिदायत दी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को तीव्र करने के निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों के पास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.
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