Bhubaneswar: भुवनेश्वर में सिकंदर आलम की गिरफ्तार के बाद से लगातार संदिग्ध बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. सिकंदर पर विदेशी नागरिकों को अवैध रूप से पनाह देने का आरोप है. वहीं जगतसिंहपुर ज़िले में चल रहे सत्यापन अभियान के दौरान प्रशासन ने सात और संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की है. जिससे जिले में अब तक पकड़े गए बांग्लादेशियों की कुल संख्या बढ़कर 20 हो गई है.
और बढ़ सकती है यह संख्या
पहचान दस्तावेज़ों की जांच अभी जारी है और जैसे-जैसे कार्रवाई अन्य स्थानों तक बढ़ेगी, यह संख्या और बढ़ सकती है. इस बीच पहले पकड़े गए 13 लोगों को आगे की पूछताछ के लिए कटक जिले के आठगढ़ स्थित एक केंद्रीय आश्रय गृह में भेजा गया है. अब इन सात संदिग्धों को भी कानूनी कार्रवाई शुरू करने से पहले इसी तरह की विस्तृत स्क्रीनिंग से गुजरना होगा. सत्यापन जारी होने के कारण प्रशासन ने पकड़े गए व्यक्तियों के नाम या स्थानों का खुलासा नहीं किया है.
विदेशी नागरिकों को अवैध रूप से पनाह देने का आरोप
कार्रवाई में अचानक आई तेजी का कारण हाल ही में गिरफ्तार किया गया सिकंदर आलम है, जिसे पुलिस इस नेटवर्क का मुख्य सहयोगी मान रही है. उस पर विदेशी नागरिकों को अवैध रूप से पनाह देने का आरोप है. एक सप्ताह तक फरार रहने के बाद उसे जाजपुर में पकड़ा गया था. पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए लगातार कोशिश जारी रखा था. पुलिस ने उसके पास से कई दस्तावेज, जिनमें उसका पासपोर्ट भी शामिल है, जब्त किए हैं और यह जांच की जा रही है कि क्या सिकंदर का संबंध उस बड़े नेटवर्क से है जो बिना कागजात वाले व्यक्तियों को सरकारी भूमि पर बसाने में शामिल था?
बेटे और एक करीबी सहयोगी को भी पूछताछ के लिए उठाया
उसे एक सुरक्षित स्थान पर पूछताछ के लिए रखा गया है. इससे पहले उसके बेटे और एक करीबी सहयोगी को भी पूछताछ के लिए उठाया गया था. इसी तरह से पहचान पत्र जांच के साथ-साथ जिला प्रशासन ने बेरहमपुर और धनिपुर जैसे इलाकों में सरकारी भूमि पर बने अस्थायी घरों को तोड़ने की कार्रवाई तेज कर दी है. बीते सप्ताह कई ऐसी झुग्गियों को गिराया गया है जिन्हें संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा कब्जे में रखा गया माना जा रहा था. कार्रवाई को देखते हुए कुछ निवासियों ने बेदखली के डर से अपने घर स्वयं ही तोड़ना शुरू कर दिया है. इनमें से कई घर वर्षों से बिना अनुमति के बने थे.

