OPERATION SINDOOR : लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की शुरूआत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पहलगाम में कायराना आतंकी हमला हुआ. ऐसे में आतंकियों के हमले के जवाब में हमने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर मां-बहनों के उजड़े हुए सिंदूर का बदला लिया. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए.
इस दौरान सरकार के सामने अपना पक्ष रखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर संबोधन शुरू किया. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद की भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को रणनीतिक क्षमताओं और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक बताया. बता दें कि राजनाथ सिंह के बयान के साथ ही इस बहुप्रतीक्षित बहस की शुरुआत हुई.
देश के वीर सपूतों को किया नमन
इस सदन में उन्होंने कहा कि “सबसे पहले मैं उन वीर सपूतों को नमन करता हूं. जो इस राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तैयार और तत्पर रहते हैं और हमारे भारत देश की रक्षा करने वाले शहीदों की स्मृति को भी श्रद्धा से नमन करता हूं, जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया. अपने देश के जांबाज जवानों के प्रति मैं पूरे देश की ओर से प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूं.”
आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक प्रदर्शन
ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि “6 और 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से भारतीय सेनाओं ने एक ऐतिहासिक सैन्य अभियान को अंजाम दिया. बता दें कि यह देश के लिए एक सैन्य कार्रवाई के साथ भारत की संप्रभुता, अस्मिता, नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का एक प्रभावशाली और निर्णायक प्रदर्शन था.”
आतंकी ठिकानों को नुकसान पहुंचाने का चुना विकल्प
उन्होंने बताया कि हमारी सेनाओं ने इस ऑपरेशन को अंजाम देने से हर पहलू का गहन अध्ययन किया. उन्होंने उसी विकल्प को चुनते हुए कार्रवाई की जिससे आतंकवादियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुँचे. इसके साथ ही पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न हो.
इन आतंकियों के ठिकानों को किया गया ध्वस्त
बता दें कि भारत के इस सैन्य कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी के साथ उनके प्रशिक्षक, हैंडलर और सहयोगी मारे गए. इनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े थे. जिन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है.
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