‘एकता नगर’ में PM मोदी ने ली ‘सबसे बड़ी शपथ’, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार वल्लभभाई पटेल को अर्पित की श्रद्धांजलि

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात के एकता नगर स्थित नर्मदा नदी पर बने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की. सरदार पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर एकता नगर में भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें भारत की विविधता में एकता को प्रदर्शित किया गया। ‘सरदार पटेल के सम्मान में ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ 2014 के बाद से हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो राष्ट्रीय अखंडता, एकता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है.

इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ ली. उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मैं अपने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ लेता हूं और इसके लिए स्वयं को समर्पित करता हूं.”

शौर्य का प्रदर्शन

पीएम मोदी ने सुबह करीब 8 बजे प्रतिमा पर प्रार्थना की और पुष्पांजलि अर्पित की. वे ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ परेड में शामिल हुए, जिसमें बीएसएफ, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस बलों समेत अलग-अलग टुकड़ियों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया.

पीएम मोदी का सोशल मीडियो पोस्ट

इससे पहले, पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर लिखा, “भारत सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता है. वे भारत के एकीकरण के पीछे प्रेरक शक्ति थे, इस प्रकार उन्होंने हमारे राष्ट्र के प्रारंभिक वर्षों में इसके भाग्य को आकार दिया. राष्ट्रीय अखंडता, सुशासन और जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. हम एकजुट, मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के उनके दृष्टिकोण को बनाए रखने के अपने सामूहिक संकल्प की भी पुष्टि करते हैं.”

भारत की एकता का निर्माता

एक वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने उन्हें भारत की एकता का निर्माता बताया. उन्होंने कहा, “सरदार पटेल में लोगों को एकजुट करने की अद्वितीय क्षमता थी, यहां तक कि उन लोगों को भी जिनसे उनके वैचारिक मतभेद थे. वे हर छोटी चीज का अवलोकन व परीक्षण करते थे. उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र की एकता के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने भारत के लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में एकीकृत किया, रियासतों को हमारे राष्ट्र में विलय करने के लिए काम किया और सभी भारतीयों में विविधता में एकता का मंत्र जागृत किया.”

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