राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर साधा निशाना, कहा- ‘अगर हमें कोई चुनौती देता है तो…’

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Rajnath Singh: बुधवार को मध्य प्रदेश के महू में रण-संवाद 2025 कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिस्सा लिया. इस दौरान रक्षा मंत्री ने बताया कि आने वाले समय में युद्ध कैसे लड़ा जाएगा. रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत कभी पहले आक्रमण नहीं करता, लेकिन अगर चुनौती मिलती है तो उसका पूरी ताकत के साथ जवाब दिया जाएगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “कार्यक्रम का शीर्षक, ‘रण संवाद’, मुझे बहुत दिलचस्प लगा. यह नाम ही चिंतन और मनन का विषय है. एक ओर ‘रण’ युद्ध और संघर्ष की कल्पना जगाता है तो दूसरी ओर ‘संवाद’ संवाद, चर्चा और सुलह की ओर इशारा करता है. पहली नजर में, ये दोनों शब्द विरोधाभासी लगते हैं. जहां युद्ध है, वहां संवाद कैसे हो सकता है और जहां संवाद हो रहा है, वहां युद्ध कैसे हो सकता है? लेकिन गहराई से देखें तो यही नाम हमारे समय की सबसे प्रासंगिक सच्चाइयों में से एक को अपने में समेटे हुए है.”

‘रण-संवाद का भारत में एक ऐतिहासिक आधार भी है’

राजनाथ सिंह ने कहा, “रण-संवाद का भारत में एक ऐतिहासिक आधार भी है और यह मुझे हमारे इतिहास की कई घटनाओं की याद दिलाता है जो हमें दिखाती हैं कि कैसे सभ्यतागत युद्धों का अर्थ ‘रण’ और संवादों का अर्थ ‘संवाद’ होता है और भारत में ये दोनों आपस में गुंथे हुए थे. हमारी संस्कृति में, संवाद युद्ध से अलग नहीं है. यह युद्ध से पहले होता है. यह युद्ध के दौरान होता है और युद्ध के बाद भी जारी रहता है. उदाहरण के लिए, महाभारत को ही लें, युद्ध को रोकने के लिए, भगवान कृष्ण शांति के दूत के रूप में गए. वे संवाद करने गए ताकि युद्ध को टाला जा सके.”

रक्षा मंत्री ने बताया कैसे होगा भविष्य का युद्ध?

रक्षा मंत्री ने कहा, “भविष्य के युद्ध केवल हथियारों की लड़ाई नहीं होंगे, वे प्रौद्योगिकी, खुफिया, अर्थव्यवस्था और कूटनीति के संयुक्त खेल होंगे. आने वाले समय में जो राष्ट्र प्रौद्योगिकी, रणनीति और अनुकूलनशीलता के त्रिकोण में निपुण होगा, वही सच्ची वैश्विक शक्ति के रूप में उभरेगा. सरल शब्दों में कहें तो यह इतिहास से सीखने और एक नया इतिहास लिखने का समय है, यह भविष्य का अनुमान लगाने और उसे आकार देने का समय है.”

‘सक्रिय रणनीति की आवश्यकता’

राजनाथ सिंह ने कहा, “आज, 21वीं सदी में, यह परिवर्तन और भी तेज हो गया है. सिर्फ सैनिकों की संख्या या हथियारों के भंडार का आकार अब पर्याप्त नहीं है. साइबर युद्ध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मानवरहित हवाई वाहन और उपग्रह-आधारित निगरानी भविष्य के युद्धों को आकार दे रहे हैं. सटीक निर्देशित हथियार, वास्तविक समय की खुफिया जानकारी और डेटा-संचालित जानकारी अब किसी भी संघर्ष में सफलता की आधारशिला बन गए हैं. आधुनिक युद्ध अब जमीन, समुद्र और हवा तक ही सीमित नहीं हैं, वे अब अंतरिक्ष और साइबरस्पेस तक फैल गए हैं. उपग्रह प्रणालियां, उपग्रह-रोधी हथियार और अंतरिक्ष कमान केंद्र शक्ति के नए साधन हैं. इसलिए, आज हमें केवल रक्षात्मक तैयारी की ही नहीं, बल्कि एक सक्रिय रणनीति की भी आवश्यकता है.”

‘भारत युद्ध चाहने वाला देश नहीं’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत कभी भी युद्ध चाहने वाला राष्ट्र नहीं रहा है. हमने कभी किसी के विरुद्ध आक्रमण नहीं किया है. वर्तमान भू-राजनीतिक वास्तविकता बिल्कुल अलग है. हालांकि हमारी कोई आक्रामक मंशा नहीं है, फिर भी अगर कोई हमें चुनौती देता है तो यह जरूरी हो जाता है कि हम पूरी ताकत से उसका जवाब दें. ऐसा करने के लिए, हमें अपनी रक्षा तैयारियों को निरंतर बढ़ाना होगा.”

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