Jaipur/Rajasthan: राज्यसभा सांसद एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने विपक्षी दलों को सनातन व महाकुंभ विरोधियों का जमावड़ा बताते हुए कहा कि महाकुंभ में आये श्रद्धालुओं की संख्या ने विपक्ष की लोगों को आपस में बाँटने की राजनीति को करारा जवाब दे दिया है. ये दल कुंभ को लेकर अनर्गल प्रलाप कर रहे थे. आज कुंभ में जाति बंधन तोड़कर स्नान करते लोग सनातनीएकता की मिसाल पेश कर रहे हैं. ये महाकुंभ यूपी की अर्थव्यवस्था में मील का पत्थर साबित होगा. आज इस कुंभ से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को करीब तीन लाख करोड़ का लाभ होने का अनुमान है.

इस आयोजन के बाद उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को एक नयी दिशा मिली है. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक स्थलों में सुविधाओं के विकास के साथ उनकी अब स्थापना संबंधी कार्य करवा कर कनेक्टिविटी बढ़ाकर धार्मिक पर्यटन को दिशा देने के साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं. उत्तर प्रदेश कि अर्थव्यवस्था में नया आयाम जुड़ा है. डॉ दिनेश शर्मा गृह मंत्रालय भारत सरकार की हिंदी संसदीय उप समिति के संयोजक है.
जयपुर में भारत सरकार के अलग-अलग 20 मंत्रालयों के हिंदी के संदर्भ में उसके उन्नयन के लिए किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया. तत्पश्चात सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ विधानसभा सचिवालय स्थित कार्यालय पर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा से शिष्टाचार भेंट हुई. सांसद ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल से भेंट के दौरान उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से किए गए काशी वाराणसी कॉरिडोर, अयोध्या श्रीराम मंदिर, विंध्याचल विंध्यवासिनी माता मंदिर, प्रयागराज कुंभ मेला स्थल के साथ-साथ चित्रकूट धाम के किए गए समुचित विकास का उल्लेख करते हुए उन्होंने इसे आस्था और अर्थ व्यवस्था दोनों का आदर्श मॉडल बताया.
इस माडल का जिक्र करते हुए खाटू धाम,सीकर,राजस्थान के आस पास के धर्म स्थलों के विकास और कनेक्टिविटी बनाने का सुझाव दिया. डॉ शर्मा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को सुझाव देते हुए कहा की खाटू धाम श्री श्याम मंदिर, जीण माता मंदिर, शाकंभरी माता मंदिर, तथा बालाजी सालासर श्री हनुमान मंदिर के चारों तरफ भारत सरकार की मदद लेकर चौड़ी चौड़ी सड़के सीवरेज, बिजली, एक्सप्रेसवे के निर्माण की एक संयुक्त योजना तैयार की जानी चाहिए, इससे राजस्थान में भी धार्मिक पर्यटन और अधिक बढ़ेगा, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे.


