संघीय विजिलेंस प्रमुख को हटाने का प्रयास गैरकानूनी… अमेरिकी अदालत ने राष्ट्रपति ट्रंप को दिया झटका

Raginee Rai
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US News: अमेरिका की एक अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक फैसले को गैर कानूनी ठहराते हुए बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने कहा है कि एक संघीय निगरानी एजेंसी के प्रमुख हैंपटन डेलिंजर को पद पर बरकरार रखा जाए और उन्हें हटाने का राष्ट्रपति ट्रंप का प्रयास गैर-कानूनी है. जानकारी दें कि अमेरिकी जिला न्यायाधीश एमी बर्मन जैक्सन ने स्वतंत्र एजेंसी के प्रमुख को हटाने के राष्ट्रपति के अधिकार को लेकर एक कानूनी लड़ाई में विशेष वकील कार्यालय के प्रमुख हैंपटन डेलिंजर का पक्ष लिया.

डेलिंजर ने दी थी ट्रंप के फैसले को चुनौती

अदालत के इस फैसले के बाद ऐसी उम्‍मीद है कि इस एजेंसी की कमान फिर अमेरिकी उच्चतम न्यायालय को सौंपी जा सकती है. बता दें कि हैंपटन डेलिंजर ने खुद को हटाए जाने के बाद पिछले महीने ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. हालांकि कानून के मुताबिक राष्ट्रपति के पास केवल अक्षमता, कर्तव्य की उपेक्षा या कार्यालय में दुराचार के लिए ही विशेष वकीलों को हटाने का अधिकार होता है. हैंपटन डेलिंजर को पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने नियुक्त किया था और अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट ने 2024 में पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए उनके नाम पर मुहर लगाई गई थी.

ट्रंप प्रशासन का दावा खारिज

अमेरिकी जिला न्यायाधीश एमी बर्मन जैक्सन ने ट्रंप प्रशासन का यह दावा खारिज कर दिया कि विशेष वकील को हटाए जाने से मिला संरक्षण असंवैधानिक है. जैक्‍सन ने कहा कि राष्ट्रपति को अपनी इच्छा से विशेष वकील को हटाने की परमिशन देने से विशेष वकील के महत्वपूर्ण कर्तव्यों पर प्रतिकूल असर होगा. न्‍यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा कि विशेष वकील से अपेक्षा की जाती है कि वह राजनीतिक परिवर्तनों के बाद भी काम जारी रखे और निष्पक्षता सुनिश्चित करे.

डेलिंजर ने कहा- मुझे खुशी है…  

अदालत का फैसला ऐसे वक्‍त में आया है जब हैंपटन डेलिंजर ट्रंप प्रशासन द्वारा सरकार में बड़े पैमाने पर किए गए बदलाव के तहत परिवीक्षाधीन कर्मचारियों को नौकरी से निकालने को चुनौती दे रहे हैं. बीते मंगलवार को एक संघीय बोर्ड ने कई परिवीक्षाधीन कर्मचारियों की बर्खास्तगी रोक दी थी, क्योंकि डेलिंजर ने कहा था कि उनकी बर्खास्तगी गैरकानूनी हो सकती है. वहीं शनिवार को डेलिंजर ने एक बयान में कहा कि, “मुझे खुशी है और मैं आभारी हूं कि कोर्ट ने संसद द्वारा मेरे पद को दी गई सुरक्षा के महत्व और वैधता पर मुहर लगा दी है.”

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