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यूपी के गाजीपुर जिले में स्वामी सहजानंद सरस्वती की 75वीं पुण्यतिथि पर विशेष आयोजन होगा. स्वामी सहजानंद सरस्वती स्मृति न्यास की ओर से यह आयोजन आज, 26 जून को स्वामी सहजानंद सरस्वती स्नातकोत्तर महाविद्यालय-गाजीपुर में सुबह 11 बजे से आयोजित होगा.
भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन स्वामी सहजानंद सरस्वती, जो अखिल भारतीय किसान सभा के संस्थापक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, उनकी विरासत को जीवंत रखने के लिए किया जा रहा है.
स्वामी सहजानंद की विरासत और योगदान
स्वामी सहजानंद सरस्वती का जन्म गाजीपुर के दुल्लहपुर क्षेत्र के देवा गांव में हुआ था. वे एक दंडी संन्यासी के रूप में जाने जाते थे, जिन्होंने किसानों के अधिकारों और स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. न्यास के संस्थापक मारुति कुमार राय ने बताया कि स्वामी जी ने संन्यासी जीवन के बावजूद समाज सुधार और किसान आंदोलन में आजीवन कार्य किया. उनकी 75वीं पुण्यतिथि पर न्यास उनकी उपलब्धियों को याद करेगा और युवाओं को प्रेरित करने का प्रयास करेगा.
भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की अपील
स्वामी सहजानंद सरस्वती की 75वीं पुण्यतिथि के अवसर पर स्वामी सहजानंद सरस्वती स्मृति न्यास की ओर से दो प्रमुख मांगें उठाई गई हैं. पहली, स्वामी सहजानंद को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए. दूसरी, गाजीपुर में उनकी स्मृति में एक स्मारक बनाया जाए. मारुति कुमार राय ने कहा कि स्वामी जी की विरासत को संजोने के लिए ये कदम जरूरी हैं. पत्रकार वार्ता में न्यास के अध्यक्ष ओम नारायण प्रधान, सचिव अरुण राय, सदस्य शशिधर राय और रामनाथ ठाकुर भी मौजूद रहे.
स्वामीजी के सांस्कृतिक कार्यक्रम की रूपरेखा
आयोजन में स्वामी सहजानंद की जीवन यात्रा पर चर्चा होगी और उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. न्यास का उद्देश्य युवाओं को उनके योगदान से अवगत कराना और उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाना है. भारत एक्सप्रेस के CMD उपेन्द्र राय के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ेगी, जो मीडिया और समाज के बीच एक सेतु के रूप में जाने जाते हैं.
न्यास ने सरकार से अपील की है कि स्वामी सहजानंद के योगदान को मान्यता दी जाए. उनका जीवन किसानों और समाज सुधारकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. इस अवसर पर न्यास विभिन्न जागरूकता अभियानों की शुरुआत भी करेगा, ताकि उनकी विचारधारा आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे.