सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की VVPAT पर सभी याचिकाएं, चुनाव आयोग को बड़ी राहत

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

EVM-VVPAT Case: लोेकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोटिंग जारी है. इन सब के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी इवीएम के वोटों के साथ वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपीएटी की पर्चियों का मिलान करने वाली याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है.

इस फैसले से विपक्ष को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने इस मामले में दो फैसले दिए हैं. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि सहमति वाले. हमने प्रोटोकॉल, तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की है. हमने सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. हमने दो निर्देश दिए हैं. एक निर्देश ये है कि सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट को सील कर दिया जाना चाहिए. एसएलयू को कम से कम 45 दिनों की अवधि के लिए संग्रहित किया जाना चाहिए.

वहीं, इस मामले में जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने आदेश में चुनाव आयोग से कहा कि सिंबल लोडिंग यूनिट को 45 दिन तक सुरक्षित रखा जाए. कोर्ट ने आगे कहा कि आंख मूंद कर एक बनी बनाई व्यवस्था पर सवाल नहीं खड़े किए जा सकते हैं. अगर कोई प्रत्याशी वेरिफिकेशन की मांग करता है तो उस स्थिति में इसका खर्चा उसी से वसूला जाए, अगर ईवीएम में कोई छेड़छाड़ मिलती है तो उसे खर्चा वापस किया जाए.

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही इस मामले में कई जनहित याचिकाओं पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट का कहना था कि आधिकारिक कृत्यों को आम तौर पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत वैध माना जाता है और चुनाव आयोग द्वारा की गई हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता है. आपको बता दें कि चुनाव के ठीक एक दिन पहले केंद्र सरकार के दूसरे सर्वोच्च कानूनविद, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने समय-समय पर जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ताओं की कड़ी आलोचना की थी. उन्होंने इसको लेकर कहा था कि मतदाता की लोकतांत्रिक पसंद को मजाक में बदल दिया जा रहा है. उन्होंने अदालत से मांग की थी पहले की तरह ही इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.

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