Sindoor Flyover Mumbai: दक्षिण मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी गलियारों को जोड़ने वाले दोबारा बनाए गए सिंदूर ब्रिज का गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्घाटन किया. बता दें कि इस ब्रिज का नाम पहले कार्नैक ब्रिज, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर सिंदूर ब्रिज रख दिया गया. वहीं, गुरुवार दोपहर से ही इस ब्रिज को आप लोगों के लिए भी खेल दिया जाएगा. इस ब्रिज के बनने से दक्षिण मुंबई में पूर्व-पश्चिम ट्रैफिक फ्लो में काफी सुधार होने की उम्मीद है.
इस ब्रिज के उद्घाटन पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुंबई में आज क्षतिग्रस्त कार्नैक ब्रिज के स्थान पर सिंदूर ब्रिज का उद्घाटन किया जा रहा है, जिसे ध्वस्त कर दिया गया था.
क्यों बदल दिया गया ब्रिज का नाम?
वहीं, इस ब्रिज के नाम बदलने को लेकर उन्होंने कहा कि कार्नैक एक अत्याचारी गवर्नर थे. हम जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीयों के दिलों में बसता है. इसीलिए हमने ब्रिज का नाम बदलकर सिंदूर ब्रिज करने का फैसला किया है. सीएम फडणवीस ने कहा कि मैं बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को धन्यवाद देना चाहता हूं. उन्होंने रिकॉर्ड समय में इस ब्रिज का निर्माण पूरा किया है. मैं इस ब्रिज को मुंबई के लोगों को समर्पित करता हूं.
🔸Inauguration of the 'Sindoor' Flyover at the hands of CM Devendra Fadnavis.
Legislative Assembly Speaker Adv Rahul Narwekar and Minister Mangal Prabhat Lodha were present.🔸मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या हस्ते 'सिंदूर' उड्डाणपुलाचे लोकार्पण.
यावेळी विधानसभा अध्यक्ष ॲड.… pic.twitter.com/OoU4qoSPJJ— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) July 10, 2025
सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते तोड़ा गया था यह पुल
बता दें कि मस्जिद बंदर रेलवे स्टेशन के पास स्थित यह सिंदूर ब्रिज, पी.डी.मेलो रोड को क्रॉफर्ड मार्केट, कालबादेवी और मोहम्मद अली रोड जैसे प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों से जोड़ता है. दरअसल, अगस्त 2022 में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते 150 साल पुराने कार्नैक ब्रिज को ध्वस्त कर दिया गया था, जिसके बाद अब बीएमसी ने इसे बनाया है.
#WATCH | Mumbai | Maharashtra CM Devendra Fadnavis says, "Sindoor Bridge is being inaugurated in Mumbai today in place of the damaged Carnac bridge, which was demolished… Carnac was a tyrannical Governor. We know Operation Sindoor resides in the hearts of Indians. That is why… pic.twitter.com/QKRGpeik4m
— ANI (@ANI) July 10, 2025
328 मीटर लंबा है ये बिज्र
328 मीटर लंबे इस ब्रिज में 70 मीटर रेलवे परिसर और 230 मीटर पहुंच मार्ग शामिल हैं. इसके अलावा, इसके निर्माण में दो स्टील गर्डरों का उपयोग किया गया है, जिनमें से हर एक का वजन 550 मीट्रिक टन है. बता दें कि दक्षिणी गर्डर 19 अक्टूबर, 2024 को स्थापित किया गया था, जबकि उत्तरी गर्डर 26 और 30 जनवरी, 2025 को नियंत्रित रेलवे यातायात अवरोधों के बीच स्थापित किया गया था.
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