DRDO: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO द्वारा आयोजित नियंत्रक सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आपने नियंत्रक सम्मेलन आयोजित किया है, लेकिन मुझे लगता है कि आपका दिमाग खुला और ग्रहणशील होना चाहिए. इस विभाग की जिम्मेदारी सिर्फ कागजों पर हिसाब-किताब संभालना नहीं है, बल्कि यह हमारी सुरक्षा व्यवस्था का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है. जब आप ईमानदारी से काम करते हैं, तो इसका असर हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों तक भी पहुंचता है. उन्हें लगता है कि उनके पीछे एक सिस्टम है जो हर परिस्थिति में उनके साथ रहेगा.”
#WATCH | Delhi | "…If you look at our Defence budget, it's bigger than the GDP of some countries in the world. When a significant portion of people's hard-earned income is allocated to the Defence Ministry, our responsibility increases exponentially—we ned effective growth. Our… pic.twitter.com/yIzIOyYMbq
— ANI (@ANI) July 7, 2025
देश का रक्षा बजट अन्य कुछ देशों की GDP से भी बड़ा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि आप हमारे रक्षा बजट को देखें, तो यह दुनिया के कुछ देशों के सकल घरेलू उत्पाद से भी बड़ा है. जब लोगों की मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा रक्षा मंत्रालय को आवंटित किया जाता है, तो हमारी जिम्मेदारी तेजी से बढ़ जाती है. हमें प्रभावी विकास की जरूरत है. हमारा रक्षा व्यय ऐसा होना चाहिए कि न केवल बजट बढ़े, बल्कि हम इसका सही तरीके से, सही उद्देश्य के लिए सही समय पर उचित तैनाती के जरिए उपयोग भी कर सकें.”
राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने पहली बार GeM पोर्टल से पूंजीगत खरीद की अनुमति दी है, यह एक सराहनीय कदम है. मुझे यह भी बताया गया है कि विभाग रक्षा कर्मियों के लिए व्यापक वेतन प्रणाली और केंद्रीकृत डेटाबेस प्रबंधन पर काम कर रहा है.”
हमारे स्वदेशी रक्षा उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई: राजनाथ
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कहा, “दुनिया हमारे रक्षा क्षेत्र की ओर देख रही है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सैनिकों ने जो वीरता दिखाई है, साथ ही जिस तरह से हमने अपने घरेलू उपकरणों की क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, उससे हमारे स्वदेशी रक्षा उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई है. 2024 में विश्व सैन्य व्यय बढ़कर 2.7 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया है. इतना बड़ा बाजार हमारा इंतजार कर रहा है.”
रक्षा अर्थशास्त्र में एक कदम और आगे बढ़ना चाहिए…
डीआरडीओ के नियंत्रक सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “आज रक्षा क्षेत्र में जो परिवर्तनकारी बदलाव हो रहे हैं, वे पहले ऐसे नहीं थे. आज के बदलाव गतिशील और अनिश्चित हैं. शांति का समय एक दिखावा है, इसके अलावा कुछ नहीं. हालांकि, मुझे लगता है कि हम सभी को शांति के समय में रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने पर चर्चा करनी चाहिए. लेकिन अचानक हम खुद को ऐसी स्थिति में पाते हैं जो हमें जगाती है, और हमें कुछ और करने की आवश्यकता महसूस होती है.
यदि किसी उपकरण की अचानक आवश्यकता बढ़ जाती है, तो हम सभी को इस मुद्दे को हल करने के बारे में विचार करना चाहिए. यह सब शांति के समय में किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए, हम सभी को रक्षा अर्थशास्त्र में एक कदम और आगे बढ़ना चाहिए, और इसके पीछे कारण यह है कि पूरा विश्व पुनः शस्त्रीकरण के एक नए युग की ओर बढ़ रहा है और इस क्षेत्र में कई पूंजी निवेश किए जा रहे हैं.”
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