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राज्यसभा सांसद एवं यूपी के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने शास्त्रीय और पौराणिक विषयों को सरकारी और निजी विद्यालयों के कोर्स में अनिवार्य रूप से शामिल करने की मांग की है। उनका कहना है कि शास्त्रों में निहित ज्ञान और पौराणिक कथाओं में निहित नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का बच्चों के जीवन में विशेष महत्व होता है। ये ज्ञान बच्चों के नैतिक और चारित्रिक मूल्यों के निर्माण में सहायक है तथा समाज की मूल परंपराओं एवं सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित करते हैं।
सांसद ने कहा कि महाभारत, गीता, रामायण आदि की शिक्षाएं बच्चों में नैतिक मूल्यों का समावेश करने के साथ ही जीवन में अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा के महत्व को बताते हैं। ये बच्चों में भारत की गौरवशाली संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना विकसित कर सकते है। विद्यार्थियों को पौराणिक कथाओं से जोड़ने के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं। ऐसे आयोजन देश के भविष्य को भारत की महान सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के काफ़ी अहम होंगे।
डॉ शर्मा ने कहा की आज के भाग दौड़ भरे समय में बच्चे देश के महान सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक धरोहर से दूर हो रहे हैं। तकनीकी विकास और आधुनिक शिक्षा बच्चों के सांस्कृतिक विरासत से दूर होने का बड़ा कारण है।