आचार्य प्रमोद कृष्णम ने की महिला सशक्तिकरण को लेकर BJP MLA डॉ. राजेश्वर सिंह की ओर से किए जा रहे कार्यों की सराहना, कही ये बातें

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
यूपी में लखनऊ की सरोजनीनगर से विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह महिला सशक्तिकरण को लेकर लगातार कार्य कर रहे हैं, जिसके बारे में उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट शेयर की, जिसे रिपोस्ट करते हुए कल्किधाम के पीठाधीश्व आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने उनके इन प्रयासों की जमकर सराहना की. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लिखा- राजेश्वर सिंह की दृष्टि आशा और परिवर्तन का एक प्रतीक है. उनके द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास भविष्य के लिए एक मजबूत और बुद्धिमान भारत का निर्माण करेंगे.
वहीं, बीजेपी एमलए राजेश्वर सिंह ने एक्स पर लिखा, महिलाओं को सशक्त बनाना सिर्फ सामाजिक सुधार नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. उनके ट्वीट में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल थे, जैसे कि आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, और राजनीतिक नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका. उनका कहना है कि बेटियों को सशक्त करना सिर्फ सामाजिक सुधार नहीं है, यह राष्ट्र निर्माण में एक गहरी समझ की ओर इशारा करता है. देश की तरक्की उस समय तेज़ी से होती है जब उस देश की महिलाएं शिक्षित, आत्मनिर्भर और निर्णायक भूमिकाओं में आती हैं.
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा –
महिलाएं अब आर्थिक विकास की धुरी
आज भी केवल 23% महिलाएं औपचारिक कामकाज में भाग ले रही हैं. अगर हम उन्हें आगे लाएं, तो 2025 तक भारत की GDP में $770 बिलियन की बढ़ोतरी हो सकती है.
आचार्य प्रमोद कृष्णम
एक शिक्षित महिला अपने बच्चों को भी शिक्षित करने की दोगुनी संभावना रखती है. यही कारण है कि जब महिला पढ़ती है, तो परिवार सुधरता है, समाज बेहतर होता है.
गरीबी के चक्र को तोड़ने की चाबी
महिलाएं अपनी कमाई का 90% हिस्सा परिवार में लगाती हैं. उनकी सशक्तता पूरे समुदाय को ऊपर उठाती है. खासकर ग्रामीण, दलित और आदिवासी इलाकों में.
नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी
लोकसभा में मात्र 15% महिलाएं हैं. लेकिन जब महिला नेता आती है, तो वे स्वास्थ्य, शिक्षा और ज़मीनी विकास में ज़्यादा निवेश करती हैं. समाज उनकी बातों को गंभीरता से सुनता है.
एक सुरक्षित और संगठित भारत
जहां महिलाएं सशक्त होती हैं, वहां अपराध कम होता है, शिक्षा बेहतर होती है और समाज में समरसता होती है.

More Articles Like This

Exit mobile version