विहंगम योग के शताब्दी वर्ष समारोह में पहुंचे सीएम योगी, बोले- ‘हमारा देश सुरक्षित तो हमारा धर्म सुरक्षित…’

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) शनिवार को स्वर्वेद मंदिर के विहंगम योग के शताब्दी वर्ष समारोह में पहुंचे. इस दौरान, उन्‍होंने मंच संभाला और कहा, बाबा विश्वनाथ की पावन धरा पर आयोजित इस कार्यक्रम के मौके पर सभी का अभिनंदन करता हूं. एक संत की साधना उनकी यौगिक साधना का सानिध्य प्राप्त हो रहा है. विहंगम योग से भारत के योग को जन जन तक पहुंचाने के लिए संकल्पित हो रहा है.

पीएम ने स्वयं इसकी साधना की थी. एक संत सच्चा योगी देश और समाज की परिस्थितियो से हाथ पर हाथ रखकर चुप नहीं बैठ सकता. अपनी आध्यात्मिक साधना से देश को आजादी दिलाने वाले आंदोलन से सदादेव फल जी महाराज भी जुड़े. सीएम योगी ने आगे कहा, पीएम कहते हैं हर काम देश के नाम। हमारा देश सुरक्षित है तो धर्म भी सुरक्षित है और हमारा धर्म सुरक्षित है हम सुरक्षित हैं. जो भी कार्य हो मत और मजहब से उपर उठकर.

हर कार्य देश के नाम सद्गुरू सदाफलदेव जी महाराज 1857 की क्रांति के समय कहा. अकेले चुप नहीं बैठ जाना है एक पूरा हुआ तो दूसरे की शुरूआत कर देना चाहिए. पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के नाते दस वर्षों में पीएम ने काशी का चमका दिया. दुनिया का सबसे बड़ा स्नान घाट नमो घाट, जहां हेलीपैड भी है। वो घाट काशी में है. काशी में देव मंदिर जितने भी हैं उनका कायाकल्प हुआ है.

काशी में सड़क रेल वायुसेवा की कनेक्टिविटी हो 2014 के पहले जो था उससे सौ गुना ज्यादा बेहतर बनी है. एक और कनेक्टिविटी काशी से हल्दिया के बीच जलमार्ग का उपयोग कर यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं. स्वास्थ्य हो या शिक्षा विकास के विभिन्न तथ्यों को लेकर काशी चमक रही है, तो यूपी भी पीएम मोदी के मार्ग दर्शन मे आगे बढ़ रहा है. यहां विकास भी है तो विरासत का सम्मान भी है.

योग को देश के अंदर वैश्विक मंच पर ले जाने का श्रेय पीएम को जाता है. इस बार 21 जून को पीएम ने विश्व योग दिवस के रूप में कर दिया। प्रयागराज कुंभ भी है. यह वर्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण है. 22 जनवरी 2024 को रामलला अयोध्या में विराजमान हुए. पीएम ने जिस भव्य स्वर्वेद मंदिर का उद्घाटन एक वर्ष पहले किया था उसके शताब्दी समारोह के साथ जुड़ने का अवसर मुझे प्राप्त हो रहा है. लाखों की संख्या में लोग आए हैं,

सबकुछ अपने आप चल रहा है. विज्ञान की पद्धति पर पंडाल लगाए गए. हमारा आध्यात्म लकीर का फकीर नहीं तकनीक और विज्ञान को अपनाकर काम कर रहे हैं. यही भारतीयता है यही सनातन है. यहा सद्गुरू सदाफलदेव जी महाराज की स्मृतियों को नमन करता हूं। ट्रस्ट से जुड़े सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं.

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