वाराणसी में आयोजित काशी तमिल संगमम-4.0 में दक्षिण भारत से आए प्रतिनिधियों के समूह ने उत्तर प्रदेश के विकास समेत अन्य कामों को देखा, सराहा और गुड गवर्नेंस के लिए खुल कर सराहना की. दक्षिण भारत के प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश में हुए विकास कार्यों, प्रशासनिक प्रबंधन और कानून व्यवस्था की प्रशंसा की. वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या के भ्रमण के बाद प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यो को लेकर अपनी राय रखी.
प्रतिनिधियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले वर्षों में बड़े पैमाने पर सकारात्मक बदलाव हुए हैं, जो जमीन पर स्पष्ट दिखाई देते हैं. प्रतिनिधियों ने योगी सरकार के कार्यों की प्रशंसा करते हुए 10 में 10 नंबर दिए. चेन्नई से पहली बार वाराणसी आई मोनीसा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गुड गवर्नेंस है. योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश के विकास के लिए बहुत कार्य किया है, “योगी जैसा मुख्यमंत्री हमारे राज्य में होता, तो हमारा शहर भी और अधिक विकसित हो सकता था.” उन्होंने यात्रा के दौरान महिला सुरक्षा के इंतज़ाम को देखकर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की तारीफ की.
संतोष कुमार ने योगी सरकार के कार्यो को देखते हुए कहा कि उन्हें 10 में से 10 नंबर दिया जा सकता है. पुडुचेरी से आए आर्किटेक्ट पृथ्वीराज ने कहा कि सरकार ने काशी के हेरिटेज को रिवाइव करके बहुत अच्छे से संजो कर रखा है. शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर और सौंदर्यीकरण काफी बेहतरीन है. तिलकवदी ने कहा कि काशी की सड़कें पहले संकरी थीं, यातायात बहुत खराब था, गंदगी थी अब सभी कार्यों में काफी सुधार आया है.
तमिलनाडु के विरुधुनगर के दीपक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि सुरक्षा, परिवहन, आवास और आयोजन स्थल पर किए गए इंतजाम अत्यंत प्रभावी और व्यवस्थित थे. उनका कहना था कि पूरे आयोजन में अनुशासन और सौहार्द का जो वातावरण देखने को मिला, वह उत्तर प्रदेश प्रशासन की गुड गवर्नेंस को दर्शाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आयोजित यह संगम उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विरासत के संगम का श्रेष्ठ उदाहरण बन चुका है. प्रतिभागियों का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना इस आयोजन में जीवंत होती दिख रही है. 2 दिसंबर से शुरू हुआ दो-सप्ताह का यह कार्यक्रम तमिलनाडु और काशी के बीच सेतु बनकर सांस्कृतिक और बौद्धिक संबंधों को मजबूत कर रहा है.
इस आयोजन में तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि सात विभिन्न श्रेणियों में, जिनमें छात्र, शिक्षक, लेखक, मीडिया प्रतिनिधि, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, पेशेवर एवं शिल्पकार, महिलाएँ तथा आध्यात्मिक विद्वान शामिल हैं, भाग ले रहे हैं.