Bakrid 2023: अल्लाह को प्यारी है ‘कुर्बानी’, कुर्बानी कुर्बानी कुर्बानी, जानिए पूरी कहानी…

Bakrid 2023: ईद-उल-अजहा का पर्व जो बकरीद के नाम से जाना जाता है, खुदा की राह में ईसार व कुर्बानी की दावत देता यह त्यौहार अल्लाह के प्यारे नबी हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलान और उनके साहबजादे एवं अल्लाह के नबी हजरज इस्माइल अलैहिस्सलाम की सुन्नत है. कुर्बानी रब की रजा और उसके नबियों की सुन्नत के साथ-साथ अल्लाह का खौफ और उसकी राह में अपना सबकुछ न्यौछावर कर देने का दर्स देती है. कुर्बानी आपसी भाईचारा और वालिदैन (माता-पिता) का अज्ञाकारी होने का सबक सिखाती है.

अल्लाह ताला जिसको अपना महबूब बना लेते है, उसका समय-समय पर इम्तहांन भी लेते है. ऐसा ही एक इम्तहांन अल्लाह ने पैगम्बर हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम और उनके बेटे पैगम्मबर अहजर इस्माइल अलैहिस्सलाम का लिया था. एक रात अल्लाह ने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को ख्वाब दिखाया और कहां कि इब्राहिम उठो और अपने रब के लिए सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी पेश करों.

अगले दिन उन्होंने सौ ऊंटों की कुर्बानी दे दी. दूसरी रात फिर वहीं ख्वाब आया और उन्होंने फिर सौ ऊंटों की कुर्बानी पेश की. तीसरी रात फिर वहीं ख्वाब आया, तब उन्होंने यह बात अपने जिगर के टुकड़े हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम को बताई. कहा कि मैने दो दिन सौ-सौ ऊंटों की कुर्बानी दी और वह कबूल नहीं हुई. अल्लाह पाक तुम्हारी कुर्बानी चाहता है. यह सुन इस्माइल अलैहिस्सलाम कुर्बान होने के लिए तैयार हो गए और उन्होंने कहा? कि आप अपनी आंखों पर पट्टी बांध लें ताकि कुर्बानी के दौरान पिता-पुत्र की मोहब्बत इस नेक काम में रुकावट न डाले.

हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम की गर्दन पर छूरी चलाई, लेकिन उनकी गर्दन कटने का नाम नहीं ले रही थी. इसी दौरान अल्लाह के हुक्म से हजरत जिब्रईल अमीन ने एक दुम्बा लाकर वहां रखा दिया और वह जबह हो गया. इसके बाद हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने आंखों की पट्टी खोली तो देखा कि उसका बेटा सामने खड़ा है और जहां कुर्बानी के लिए उन्हें लिटाया गया था, वहां एक दुम्बा जिबह पड़ा है.

इस इम्तहान में अल्लाह ताला ने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम और हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम को कामयाब पाया और उसी अजीम कुर्बानी की बुनियाद पर पूरी दुनिया के मुसलमान अपनी तरफ से खुदा की राह में जानवर की कुर्बानी पेश करते है, जो अल्लाह को बेहद पसंद है. बकरीद के मौके पर इससे बढ़कर और कोई इबादत नहीं है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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