UP News: आज भारत में विधि परामर्श और विधिक सहायता के लिए भुगतान वहन कर पाने में अक्षम नागरिकों के लिए विधि संस्थानों को आगे आना चाहिए, क्योंकि सभी नागरिकों के लिए न्याय और समानता का अधिकार मौलिक अधिकार है। ये विचार व्यक्त किये हैं सरोजनी नगर से भाजपा विधायक एवं सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता डॉ. राजेश्वर सिंह ने। मौका था शनिवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में प्रो बोनो क्लब द्वारा आयोजित ‘समुदायों को सशक्त बनाना: निःशुल्क कानूनी सहायता के प्रभावी वितरण के लिए रणनीतियाँ’ विषय पर आयोजित कार्यशाला के शुभारम्भ का। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे डॉ. राजेश्वर सिंह ने ज्ञानवर्धक कार्यशाला के शुभारम्भ को सौभाग्य की बात बताते हुए कहा कि साथ मिलकर, हमने प्रत्येक व्यक्ति के आंतरिक मूल्य और गरिमा को पहचानते हुए, मुफ्त कानूनी सहायता के माध्यम से न्याय तक पहुंच को मजबूत करने की रणनीतियों का पता लगाया। एक वकील के रूप में, मैं उन सुधारों का समर्थन करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हूं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि न्याय एक विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक सार्वभौमिक अधिकार है।
