नवजात की तस्करी करता था गिरोह, पुलिस ने मुरादाबाद में दबोचा

Moradabad News: मां की कोख शिशु के लिए सबसे सुरक्षित जगह होती है, लेकिन इस गिरोह की करतूतें जानने के बाद शायद इस कथन से आपका भरोसा उठ जाए. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को धर दबोचा है जो कि कोख में पल रहे नवजात की तस्करी करता था. शुक्रवार को मुरादाबाद पुलिस ने इस गिरोह के छह सदस्यों को रंगे हाथों पकड़ लिया है. आइए जानते हैं पूरा मामला.

मुरादाबाद एसएसपी हेमराज मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरीए दी जानकारी
शुक्रवार को मुरादाबाद पुलिस ने इस गिरोह के 6 सदस्यों गौरव, यूनुस, शबनम, गीता, नीतू और शाजिया को मौके पर ही पकड़ लिया. पुलिस की सख्ती पर गिरोह ने कई राज उगले हैं. मुरादाबाद एसएसपी हेमराज मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरीए इस मामले की जानकारी दी. उन्होंने कहा, “इस गैंग में शामिल महिलाएं ग्रामीण इलाकों में ऐसी गर्भवती महिलाओं को ढूंढती थीं, जिनके पहले से कई बच्चे होते थे और उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होता था. ये लोग उस गर्भवती महिला और उसके पति को पहले झांसे में लेते थे. झांसे में लेने के बाद उनसे बच्चे का सौदा करते थे.”

एक बच्चे की कीमत ढाई लाख रुपए
एसएसपी ने आगे बताया, “एक बच्चे की कीमत ढाई लाख रुपए थी. पति-पत्नी को एडवांस के तौर पर पहले 30 हजार रुपए ये लोग देते थे और बाकी के बचे 2 लाख 20 हजार रुपए डिलीवरी के बाद दिए जाते थे. एसएसपी ने बताया कि इस गैंग की मुख्य आरोपी दीपमाला है. दीपमाला ही बच्चे खरीदने वाले ग्राहकों को लाती थी. वह ग्राहकों को उन बच्चों के मां-बाप से मिलवाती थी, जिनको बच्चा खरीदना होता था. गर्भवती महिलाओं का इलाज किसी बड़े अस्पताल के बजाए झोलाछाप डॉक्टरों के निजी अस्पतालों में कराया जाता था और फिर बच्चा पैदा होने पर उसे निसंतान दंपति को दे दिया जाता था. अब इस गैंग के गिरफ्तार सदस्यों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेंगे कि इससे पहले वह कितने नवजात शिशुओं को पैदा कराकर सौदा कर उनको बेच चुके हैं.”

कैसे पकड़ गया नवजात की तस्करी वाला गिरोह
पुलिस के मुताबिक किसी ने इस गिरोह की सूचना पुलिस को दी थी, तभी से यह गिरोह पुलिस की निगरानी में था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस गैंग ने इस बार बिलारी थाना क्षेत्र के एक परिवार को टारगेट किया था, लेकिन पुलिस ने मौके पर ही परिवार सहित गिरोह को पकड़ लिया. बता दें कि गिरोह में शामिल दो महिलाएं शबनम और गीता अस्पतालों में दाई का काम करती हैं. इस दौरान पुलिस ने इस गिरोह से बेची गई एक नवजात बच्ची को बरामद कर उसे उसकी मां को सौंप दिया है. नवजात बच्ची की मां से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने अपने सास के कहने पर अपनी चौथी बच्ची को किसी नि:संतान दंपत्ति को सौंप दिया था. उसे नहीं बताया गया था कि उसकी बच्ची को बेंचा जा रहा है.

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