वाचर्स फ्रंटलाइन वारियर्स और फारेस्ट गाइड्स तराई क्षेत्र के असली ब्रांड एंबेसडर: डॉ. राजेश्वर सिंह

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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तराई क्षेत्र में वन एवं जैव विविधता को बचाने तथा वन कर्मियों, स्कूली छात्र-छात्राओं में जागरूकता लाने के प्रति सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की प्रतिबद्धता एक अनुकरणीय उदाहरण बन चुकी है. विधायक डॉ. सिंह के प्रयासों से संचालित एनवायार्मेंट वारियर्स अभियान के पांचवें चरण के तहत पीलीभीत टाइगर रिजर्व के मुस्तफाबाद फारेस्ट रेस्ट हाउस में रविवार को वाइल्डलाइफ कंजेर्वेशन इवेंट 5.0 का आयोजन किया गया. इस आयोजन का उद्देश्य फ्रंटलाइन वन कर्मियों, वाचर्स ड्राइवर्स और गाइड्स को जागरूक करना, प्रोत्साहित करना सम्मानित करना और उन्हें सच्चे पर्यावरण योद्धा के रूप में तैयार करना था. सुप्रसिद्ध शिक्षा एवं पर्यावरणविद अम्बिका मिश्रा, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव ललित वर्मा एवं डीएफओ मनीष सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद रहे और कार्यशाला वनरक्षकों का उत्साहवर्धन किया.

कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण

वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी वर्कशॉप: सुप्रसिद्ध वन्यजीव फोटोग्राफर सरोश लोधी के नेतृत्व में वन रक्षकों के लिए 2 दिवसीय वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी वर्कशॉप आयोजित की गई, जिसमें उन्हें फोटोग्राफी के कौशल सिखाए गए. इस वर्कशॉप की प्रसंशा करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने अमेरिका वियतनाम युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि बम गिरने के बाद बच्चों के बीच दौड़ती एक बच्ची की तस्वीर वियतनाम युद्ध का चेहरा बन गई थी, तस्वीर वायरल होने के बाद वो विश्वभर में ‘नेपालम गर्ल’ नाम से प्रसिद्द हुई. विधायक ने अन्य उदाहरण देते हुए बताया कि 24 दिसंबर, 1968 को अपोलो 8 के चालक दल ने चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए, उन्होंने पृथ्वी को चंद्र क्षितिज के ऊपर उगते हुए देखा और इस दृश्य को “अर्थराइज” नामक विश्व-प्रसिद्ध तस्वीर में कैद किया. इस तस्वीर ने विलियम एंडर्स को प्रेरित किया, जिन्होंने कहा, “हम चंद्रमा की खोज के लिए आए, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण खोज पृथ्वी की थी.”
क्विज प्रतियोगिता: पीलीभीत टाइगर रिजर्व से जुड़े 180 ड्राइवर्स और गाइड्स ने क्विज प्रतियोगिता में भाग लिया. प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सलीम शाह को 25,000 रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त जसवंत कुमार को 20,000 रुपये, और तृतीय स्थान प्राप्त राहुल एवं सुभाष को 15,000 रुपये की सम्मान राशि के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए. इसके अतिरिक्त, 13 अन्य प्रतिभागियों को 5,000 रुपये का सांत्वना पुरस्कार और मौखिक क्विज में सही उत्तर देने वाले 10 प्रतिभागियों को दूरबीन (Binoculars) प्रदान कर सम्मानित किया गया.
वन रक्षकों का सम्मान: पीलीभीत टाइगर रिजर्व के 30 वॉचर्स को साइकिलें प्रदान की गईं. इसके अतिरिक्त, पांच उत्कृष्ट वन अधिकारियों- दिनेश गिरी, दिनेश कुमार, जितेंद्र सिंह, सरवन सिंह और तुलाराम—को विशिष्ट पदक से सम्मानित किया गया। वन्यजीव तस्करी के खिलाफ योगदान: उपप्रभारी वनाधिकारी श्री रमेश चौहान, जिन्होंने 140 कछुओं को तस्करों से मुक्त कराया, को विशेष रूप से सम्मानित किया गया.

वन संरक्षण है सबसे बड़ा राष्ट्र धर्म- डॉ. राजेश्वर सिंह 

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा, “वन संरक्षण सबसे बड़ा राष्ट्र धर्म है. ‘एनवायार्मेंट वारियर्स’ अभियान के माध्यम से हम न केवल वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि जागरूकता और प्रोत्साहन के जरिए पर्यावरण संतुलन की रक्षा के लिए एकजुट हो रहे हैं. पर्यावरण की स्थित पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि विश्व की 18% आबादी का निवास होने के बावजूद भारत के पास मात्र 4% ताजा जल संसाधन हैं. वायु प्रदूषण के कारण प्रतिदिन लगभग 6,500 लोगों की जान जाती है और औसत जीवन प्रत्याशा 5 वर्ष तक कम हो चुकी है. इसके अतिरिक्त, जैव विविधता पर संकट गहराता जा रहा है, हर घंटे औसतन तीन प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं और 1970 के बाद से 60% वन्यजीव आबादी नष्ट हो चुकी है. आज 99% संकटग्रस्त प्रजातियों के विलुप्त होने का कारण मानव गतिविधियां हैं.

पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की प्रगति उल्लेखनीय-

सरोजनी नगर विधायक ने बताया कि इन चुनौतियों के बीच, उत्तर प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले 8 वर्षों में राज्य में 200 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप वन क्षेत्र में 559.19 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या दोगुनी होकर एक मील का पत्थर साबित हुई है.

युवा दिवस के अवसर पर 12 जनवरी 2025 को अभियान की शुरुआत-

प्रथम कार्यक्रम– गुरु गोविंद सिंह डिग्री कॉलेज, पलिया कलां (खीरी)
इस आयोजन में डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया गया. पाँच मेधावी छात्रों को टैबलेट वितरित किए गए, 30 वन रक्षकों (वॉचर्स) को साइकिलें दी गईं और 5 वन कर्मियों को सम्मानित किया गया. साथ ही ‘प्राइड ऑफ तराई’ सम्मान भी प्रदान किया गया.
द्वितीय कार्यक्रम– मोतीपुर गेस्ट हाउस, बहराइच यहाँ इंटर स्कूल क्विज प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें 12 विद्यालयों के 81 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. कार्यक्रम में 30 वॉचर्स को साइकिलें दी गईं और 5 वन कर्मियों को सम्मानित किया गया.
तृतीय कार्यक्रम– मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस, पीलीभीत इस आयोजन में 10 स्कूलों के विद्यार्थियों के बीच वाद-विवाद एवं क्विज प्रतियोगिताएँ हुईं. ‘प्राइड ऑफ तराई’ और ‘प्राइड ऑफ पीलीभीत’ सम्मान प्रदान किए गए. 1000 पौधों का रोपण किया गया, दो सोलर वॉटर होल्स, एक तारा शक्ति केंद्र, एक स्मार्ट क्लास और एक रण बहादुर सिंह डिजिटल एजुकेशन एवं यूथ एम्पावरमेंट सेंटर का उद्घाटन किया गया. साथ ही 30 वॉचर्स को साइकिलें और 5 वन कर्मियों को सम्मानित किया गया.
चतुर्थ कार्यक्रम– किशनपुर फॉरेस्ट गेस्ट हाउस, खीरी इस कार्यक्रम में 17 विद्यालयों के 250 छात्रों के बीच पेंटिंग एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. 30 वॉचर्स को साइकिलें प्रदान की गईं और 5 वन कर्मियों को सम्मानित किया गया.
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहयोग के लिए माँ पीताम्बरा ट्रस्ट का भी आभार व्यक्त किया.
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