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Prayagraj Flood Update: उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. दोनों नदियाँ रविवार को करीब 70 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गईं, जिससे जिले के कई तटीय और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं.
गांवों और बस्तियों में घुसा बाढ़ का पानी
प्रशासन के मुताबिक, जिले के 77 गांव और 59 शहरी बस्तियाँ बाढ़ की चपेट में आ चुकी हैं. इनमें से कई इलाकों में पानी घरों तक पहुंच गया है, जिससे करीब 3.5 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. गंगा का जलस्तर 81 सेमी और यमुना का 84 सेमी तक बढ़ गया है. पिछले 24 घंटों में स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है. सड़कों और गलियों में पानी भरने से आवागमन पूरी तरह बाधित है.
बचाव कार्यों में तेजी
प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से NDRFऔर SDRF की 8 टीमें राहत कार्यों में तैनात कर दी हैं. इन टीमों के पास 36 मोटर बोट और 162 नावें हैं, जिनके माध्यम से बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है. अब तक 700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा चुका है.
राहत शिविरों में लोग ले रहे शरण
बाढ़ से विस्थापित हुए लोगों के लिए जिले में 16 राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां अब तक 7,000 से ज्यादा लोग शरण ले चुके हैं. अधिकारियों का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और जलस्तर बढ़ने की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त व्यवस्था भी की जा रही है.
प्रभावित इलाकों से अपील
प्रशासन ने नेवादा, सलोरी, अशोक नगर और अन्य निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में पहुंचें, क्योंकि गंगा और यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है.
सरकार सतर्क, मदद के लिए तैयार
जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह सतर्क हैं. पुलिस बल, जल पुलिस, और पीएसी की बाढ़ राहत टीमों को भी सक्रिय किया गया है.
बांदा, औरैया, आगरा जैसे जिलों में भी सतर्कता
वहीं अन्य जिलों—बांदा, औरैया, हमीरपुर—में भी चंबल, केन और बेतवा नदियों में जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है, हालांकि वहां स्थिति नियंत्रण में है.