गोरखपुर: मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि गोरखनाथ ने इस क्षेत्र को ऊर्जा से समृद्ध किया है. नाथ पंथ के योगी जन और स्वतंत्रता संग्राम के बंधू सिंह, बिस्मिल की ये धरती है. गीता प्रेस और यहां की पुस्तकें विश्व में विख्यात हैं और उनका एक अलग धार्मिक महत्व है. औद्योगिक क्षेत्र गीडा की गतिविधियों का भी तेजी से विस्तार हो रहा है.
पारंपरिक चिकित्सा का आधुनिक केंद्र है विश्वविद्यालय: मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ये विश्वविद्यालय पारंपरिक चिकित्सा का आधुनिक केंद्र है. मेडिकल एजुकेशन और चिकित्सा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. इस विश्वविद्यालय से करीब 100 कालेज लाभांवित हो रहे हैं. आयुष पद्धति से जुड़े रोजगार की शिक्षा भी दी जाएगी.
राष्ट्रपति ने सीएम योगी को धन्यवाद दिया
राष्ट्रपति ने इस उत्कृष्ट विश्वविद्यालय को दिशा प्रदान करने के लिए सीएम योगी को धन्यवाद भी दिया. उन्होंने कहा कि योगी कहते हैं कि योग करने से आठ घंटे की नींद तीन घंटे में पूरा होती है. कहा, पीएम ने योग को अंतरराष्ट्रीय मंच दिया. योग सभी को करना चाहिए. स्वास्थ्य ही संपदा है. स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो 2047 तक विकसित भारत का सपना स्वास्थ्य से ही पूरा होगा.
ऋषियों की भूमि है भारत
भारत ऋषियों की भूमि है. 300-400-200 साल जीते थे. शरीर पंचतत्व से तैयार हुआ है. आज हमारे पास संसाधन है, बहुत सी सुविधाएं है. स्वस्थ रहने का वैज्ञानिक पद्धति आयुर्वेद में बताया गया है, ये अच्छा है. हमें पुरानी परंपराओं को फालो करना पड़ेगा. दिनचर्या, संतुलित आहार, विहार व विचार का महत्व है.
बढ़ रही है आयुष पद्धति पर आधारित चिकित्सा की लोकप्रियता
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमारी धरती से जुड़ा है. हमारे, खेत-जंगलों में औषधियों का खजाना है. आयुर्वेद का कोई एक्सपायरी डेट नहीं होता. जर्मनी में विकसित हुई होम्योपैथी को देश ने पूरी तरह से अपना लिया है. गुरु गोरखनाथ ने योग की परंपरा को फिर से जगाया था. आयुष पद्धति पर आधारित चिकित्सा की लोकप्रियता बढ़ रही है.