Varanasi: गंगा में हेक्सागोनल आकार की मल्टीपर्प फ्लोटिंग जेटी होगी स्थापित

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Varanasi: काशी में गंगा स्नान, माँ गंगा की पूजा और बाबा विश्वनाथ के दर्शन की सदियों से सनातन परंपरा रही है। श्रद्धालु माँ गंगा की पूजा सुगमता से कर सकें, इसके लिए योगी सरकार विशेष प्रबंध कर रही है। श्रद्धालु अब फ्लोटिंग जेटी पर बने चेंजिंग रूम में कपडे बदल कर जेटी पर ही पूजा कर सकेंगे। गंगा में एक ही फ्लोटिंग जेटी पर पूजा स्थल और चेंजिंग रूम की व्यवस्था होगी, साथ ही फ्लोटिंग जेटी पर ही बोट भी डॉक हो सकेंगे। हेक्सागोनल आकार के डिजाइन की इस जेटी से अविरल निर्मल गंगा के प्रवाह पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। विशेष आकार-प्रकार के 4 जेटी अलग-अलग घाटों पर स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
काशी के 8 घाटों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फ्लोटिंग जेटी पर चेंजिंग रूम के सफल प्रयोग के पश्चात अब इस जेटी पर पूजा स्थल के साथ अन्य घाटों पर भी स्थापित किया जाएगा। स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक अमरेंद्र तिवारी ने बताया कि गंगा के घाटों पर चार विशेष फ्लोटिंग जेटी स्थापित की जाएगी। जो घाटों पर बने कुछ स्थापत्य कला से मेल खाते हुए दिखेंगे। प्रत्येक जेटी पर पूजा स्थल और चेंजिंग रूम की व्यवस्था होगी, जिससे श्रद्धालुओं को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं प्राप्त हो सकें। इन जेटी को षट्कोणीय (हेक्सागोनल) आकार में डिजाइन किया गया है, ताकि गंगा के जल प्रवाह पर न्यूनतम प्रभाव पड़े। यह डिज़ाइन न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रख कर बनाया जाएगा।

सुरक्षा और सुविधा का पूरा इंतज़ाम

स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर सुमन राय ने जानकारी दिया कि पूजा स्थल पर शेड और प्रत्येक जेटी पर 4 चेंजिंग रूम होगा। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए डबल रेलिंग लगा होगा। डबल लेयर एचडीपीई पांटून जेटी को पानी में स्थिर रखने में सहायक होगा। तीर्थ यात्री फ्लोटिंग जेटी से नाव पर चढ़ और उतर सकेंगे। जल प्रवाह के प्रभाव को न्यूनतम करने और न्यूनतम क्षेत्र में अधिक नाव डॉकिंग के लिए षट्कोणीय आकार बनाया जाएगा।
स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि गंगा का जलस्तर कम होते ही फ्लोटिंग जेटी का कार्य शुरू होना प्रस्तावित है। 73 वर्ग मीटर में फ्लोटिंग जेटी का निर्माण लगभग 1.87 करोड़ से होगा। ये जेटी आधुनिक तकनीक और परंपरा के मेल का अनूठा उदाहरण होगा। प्रत्येक जेटी को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह गंगा की पवित्रता और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखे। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को स्नान और पूजा के लिए सुरक्षित और व्यवस्थित स्थान मिलेगा।
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