शिव के प्रसाद को नए रूप में प्रस्तुत करेंगी काशी की स्वयं सहायता समूह की मातृशक्तियां

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Varanasi: योगी सरकार ने आधी आबादी को सशक्त, समृद्ध बनाते हुए स्वावलंबन से जोड़ा है। स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ते हुए काशी की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब शिव के प्रसाद को नए रूप में प्रस्तुत करेंगी। यह एकादश उपहार होगा। इसका तात्पर्य  11 तरह के अनूठे प्रसाद और पूजन सामग्री का विशेष उपहार होगा। यह पहल न केवल स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि भक्तों और पर्यटकों को भी काशी की प्रामाणिक सामग्री की दिव्यता का अनूठा अनुभव प्रदान करेगी।

अभिनव पहल पर कार्य कर रहीं महिलाएं

योगी सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की नयी इबारत लिख रही है। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अभिनव परियोजना पर काम कर रही हैं। मातृशक्ति भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रसाद और काशी की स्थानीय विशेषताओं को एक साथ समेट कर 11 अनमोल धार्मिक उपहार तैयार करेंगी। इन उपहारों को एक आकर्षक तरीक़े से पैक किया जाएगा, जिसे भक्तगण और पर्यटक स्मृति चिह्न के रूप में खरीद कर अपने साथ ले जा सकेंगे। इस कार्य से स्वयं सहायता समूह की लगभग 100 महिलाओं को रोजगार मिलेगा। सीडीओ ने बताया कि इस उपहार पैक की सामग्री व बिक्री स्थल आदि पर विचार विमर्श चल रहा है। अंतिम फैसला होते ही इसे बाजार में लाया जायेगा। एकादश उपहार में प्रस्तावित सामग्री स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित होगी।

एकादश उपहार

1-शिवलिंग
2-श्री यंत्र
3-धूपबत्ती
4-अगरबत्ती
5-रोली
6 -अक्षत
7 -रुद्राक्ष की माला
8  भस्म-बाबा को चढ़ा हुआ
9 -गंगाजल: पवित्र गंगाजल की शीशी
10 -चंदन: भगवान शिव को अर्पित भस्म या सुगंधित चंदन
11-प्रसाद: स्थानीय रूप से तैयार कोई विशेष प्रसाद या मिठाई

आत्मनिर्भरता का आध्यात्मिक मार्ग, पर्यटन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

योगी सरकार के इस नवीन प्रयोग से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त और संपन्न बनेगी। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त (स्वतः रोजगार) पवन कुमार सिंह ने बताया कि यह उपहार का पैक न केवल भक्तों को आकर्षित करेगा,बल्कि पर्यटकों को भी लुभाएगा। यह उन्हें काशी की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रामाणिक पहचान अपने साथ ले जाने का मौका देगा। इससे स्थानीय पर्यटन उद्योग को भी परोक्ष रूप से बढ़ावा मिलेगा।
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