Varanasi: विकास सिर्फ सुविधा और सुगमता तक ही सीमित नहीं होता। विकास सही मायनों में जीवन की रक्षा और सुरक्षा से भी जुड़ा होता है। वाराणसी के विकास में जुड़ीं अच्छी सड़कें, सुगम यातायात और उत्तर प्रदेश अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा के आधुनिकीकरण के कारण जान-माल की रक्षा का काम भी हो रहा है। योगी सरकार ने रिंग रोड ,सड़कों और फ्लाईओवर के जाल से यातायात की समस्या को तेजी से सुलझाया है, जिससे आपात काल में राहत और बचाव कार्य में रिस्पांस टाइम कम हो रहा है।
आपात स्थितियों में तत्काल मदद मिल जाए तो जानमाल की अधिकाधिक सुरक्षा की जा सकती है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि वाराणसी में रिंग रोड और नए फ्लाई ओवर का निर्माण, सड़कों का चौडीकरण, हाईवे का निर्माण, कई आधुनिक पार्किंग आदि के बनने से यातायात में काफी सुधार आया है। इससे शहर को जाम से मुक्ति मिल रही है। जिसके कारण अग्निशमन विंभाग की गाड़ियों का घटना स्थल तक पहुंचने का समय घटा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में औसत रिस्पांस टाइम 17 मिनट का था ,जो 2025 में घटकर 12 मिनट हो गया है।
7 अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा स्टेशन से कई क्षेत्र हो रहे कवर, कम हुआ रिस्पांस टाइम
मौजूदा समय में वाराणसी जिले में 7 फायर स्टेशन काम कर रहा है। जिसमे दो अस्थाई तौर पर स्थापित है। शहरी क्षेत्र में भेलूपुर ,चेतगंज और कोतवाली में फायर स्टेशन है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में अलग से फायर स्टेशन स्थापित है। वाराणसी में औद्योगिक और ग्रामीण क्षेत्र की पिंडरा तहसील में फायर स्टेशन है। दो अस्थाई तौर पर ग्रामीण क्षेत्र के रोहनिया और चोलापुर में फायर स्टेशन बनाए गए हैं। (हर साल गर्मी में अस्थाई बनता है )।