भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (CJI BR Gavai) ने अपने परिवार के साथ मॉरीशस स्थित महात्मा गांधी संस्थान में आयोजित गांधी जयंती समारोह में भाग लिया. इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. सीजेआई बीआर गवई मौजूदा समय में मॉरीशस की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं.
माध्यमिक शिक्षा, विज्ञान एवं अनुसंधान मंत्री डॉ. कविराज शर्मा सुकोन; शिक्षा एवं मानव संसाधन मंत्री डॉ. महेंद गंगप्रसाद और कनिष्ठ मंत्री, सांसद, भारत के उच्चायुक्त अनुराग श्रीवास्तव और वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य लोगों ने भी समारोह में भाग लिया. बता दें कि महात्मा गांधी संस्थान, भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भारत और मॉरीशस का एक संयुक्त संस्थान है.
हाल ही में चीफ जस्टिस बीआर गवयई ने दूसरे नेशनल मीडिएशन कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया. इस दौरान अपने संबोधन में जस्टिस गवई ने कहा कि ‘मीडिएशन आज न्याय व्यवस्था का तेजी से उभरता हुआ स्तंभ है, जिसे 2023 के मीडिएशन एक्ट के जरिए औपचारिक रूप से संस्थागत पहचान मिली है. यह व्यवस्था उस दौर में जन्मी, जब अदालतों में मामलों का बोझ, लंबे इंतज़ार और टकराव भरे मुकदमों ने न्याय की राह कठिन बना दी थी.
CJI बीआर गवई ने समझाया कि मुकदमेबाज़ी जहां जीत-हार पर आधारित होती है, वहीं मीडिएशन आपसी संवाद, समझ और सहयोग पर टिकी है. इसमें पक्षकार खुद प्रक्रिया और नतीजे पर नियंत्रण रखते हैं. यही कारण है कि यह न सिर्फ तेज़ और लचीला है, बल्कि गोपनीय और कम खर्चीला भी है
मीडिएशन पर बोलते हुए भारत के मुख्य न्यायधिश ने कहा कि हैं मीडिएशन के सामने कानूनी ढांचे में खामियां, संस्थागत स्तर पर कमी जैसी चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा, ‘हमें पारंपरिक न्याय प्रणाली और आर्बिट्रेशन से सीख लेनी होगी कि कानून बनाने, संस्थान खड़े करने और उसे ज़मीन पर उतारने के बीच संतुलन बेहद ज़रूरी है.’