Lucknow: भारत की नागरिकता छोड़ने के बावजूद उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के मदरसा अशरफिया मिस्बाह-उल-उलूम में लंदन की नागरिकता लेने वाले मौलाना शमशुल हुदा खान को साल 2014 से 17 के बीच गलत तरीके से शिक्षक का वेतन जारी किया गया. अब शासन ने ज्वाइंट डायरेक्टर समेत अल्पसंख्यक विभाग के चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.
ये अधिकारी हुए निलंबित
शासन ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक शेष नाथ पांडेय, तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक अधिकारी आजमगढ़ (अब गाजियाबाद में तैनात), साहित्य निकष सिंह, तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आजमगढ़ (अब अमेठी में तैनात), प्रभात कुमार तथा तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आजमगढ़ (अब बरेली में तैनात लालमन को निलंबित किया है.
ले ली लंदन की नागरिकता
संत कबीर नगर के खलीलाबाद इलाके के रहने वाले मौलाना शमशुल हुदा खान ने 19 दिसंबर 2013 को भारत की नागरिकता छोड़कर लंदन की नागरिकता ले ली. इसके बावजूद वह 2017 तक मदरसा में शिक्षक और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से वेतन लेते रहे. मौलाना ने वीआरएस लेने के बाद अपना जीपीएफ और पेंशन भी प्राप्त किया. जांच में सामने आया कि जनवरी 2022 में एडीएम प्रशासन आजमगढ़ ने 16.59 लाख रुपए की रिकवरी का आदेश जारी किया.
मौलाना ने मदरसा शिक्षक रहते हुए की कई यात्राएं
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट के आधार परए UP ATS वाराणसी यूनिट ने जांच में पाया कि मौलाना शमशुल हुदा खान ने मदरसा शिक्षक रहते हुए ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सिंगापुर, श्रीलंका और पाकिस्तान की कई यात्राएं की. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि उनके पाकिस्तान और कश्मीर के कई लोगों से संबंध हैं और उनकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गई हैं.
चार अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सस्पेंड
ATS की रिपोर्ट के आधार पर संत कबीर नगर के खलीलाबाद में मौलाना शमशुल हुदा खान के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई. इसके बाद शासन ने वेतन जारी करने वाले आजमगढ़ के तत्कालीन चार जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया.
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