योगी सरकार का बड़ा फैसला, शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था पर लगी रोक

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Digital Attendance Row: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षकों को बड़ी राहत दी है. सूबे की योगी सरकार द्वारा ऑनलाइन डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है. इस डिजिटल अटेंडेंस का विरोध शिक्षक संघ कर रहा था. आज शिक्षक संघ और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है. डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था को आगामी 2 महीनों के लिए स्थगित किया गया है. इसी के साथ मुख्य सचिव मनोज कुमार ने कमेटी बनाकर समस्या का निस्तारण करने के आदेश जारी किए.

बता दें कि पिछले दिनों से उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस को अनिवार्य कर दिया गया था, जिसके बाद शिक्षकों में काफी नाराजगी थी और शिक्षक संघ इसका विरोध कर रहे थे. यूपी सरकार के इस फैसले को प्रदेश के प्राइमरी शिक्षकों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है.

2 महीनों के लिए राहत

आज यानी मंगलवार को शिक्षक संघ मुख्य सचिव मनोज सिंह से मिला. इस मुलाकात के दौरान शिक्षक संघ ने अपनी परेशानियों को रखा. इसके बाद यूपी सरकार की ओर से मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने ये आदेश दिए कि यूपी के स्कूलों में 2 महीने के लिए डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगेंगे. इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से आदेश दिया गया कि कमेटी बना कर इस समस्या का निस्तारण किया जाए और उसके बाद कोई अन्य फैसला इस संबंध में लिया जाए. इसी के साथ सीएम योगी ने भरोसा भी दिया कि प्रदेश में सभी के हित का ध्यान रखा जाएगा.

8 जुलाई से हो रहा था विरोध

उल्लेखनीय है कि विगत 08 जुलाई से ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सभी परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस लागू कर दिया था. इसके बाद सभी टीचर्स ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. प्रदेश स्तर पर इसका विरोध देखने को मिला था. शिक्षकों ने अपनी समस्याओं को सरकार के सामने रखा और बताया कि कई बार स्कूल दूर होने के कारण उन्हें समय पर पहुंचने में मुश्किल होती है, साथ ही उन्होंने अपनी कुछ मांगे भी सरकार को गिनाई. अपनी मांगो को शिक्षक संघ ने मजबूती के साथ सरकार के सामने रखा. शिक्षकों ने बताया कि करीब 30 फीसदी स्कूल में जाने की सड़क ठीक नही है और 60 फीसदी स्कूल में जाने के लिए सरकारी ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था नहीं है. ये वजह है कि कई बार शिक्षकों को विद्यालय पहुंचने में देरी हो सकती है.

इसी के साथ शिक्षकों की छुट्टियां भी कम है. शिक्षकों के पास 14 CL है, जबकि अन्य अधिकारियों को 14 CL, 31 EL और दूसरे शनिवार की भी छुट्टी मिलती है. विद्यालयों की सफाई करने वाला कोई नहीं है. कई जगहों पर तो शिक्षकों को खुद विद्यालाय की सफाई करानी होती है. प्रदेश के कई विद्यालयों में बिजली भी नहीं रहती है. कुछ विद्यालयों में नेटवर्क की समस्या है जिससे डिजिटल हाजिरी संभव नहीं हैं. शिक्षकों का कहना है कि पहले विद्यालयों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, इसके बाद डिजिटल हाजिरी के बारे में विचार किया जाए.

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