dharam karam

अहंकार और ममता के कारण ही होता है सुख-दुःख का अनुभव: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ।।मन की धूर्तता।। सुख और दुःख का अनुभव अहंकार और ममता के कारण ही होता है. बिल्ली घर में आकर यदि चूहे को पकड़ ले जाती है, तो मनुष्य को...

आत्मा के स्वरूप में स्थिर रहने वाले को ही होता है आनन्द का अनुभव: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ।।व्यर्थ भटकन।। प्रेमपूर्ण प्रभु-स्मरण मानव को परमात्मा के निकट पहुंचता हैं. आनन्द प्राप्त करने के लिए बाहर के साधनों में भटकने वाला आनन्द के बदले दुःख ही प्राप्त करता है....

दूसरों को सुख पहुंचाने वाले व्यक्ति को सच्चे सुख की होती है प्राप्ति: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सुख और दुःख एक दूसरे के प्रतिबिम्ब हैं. सुख की खोज में जाने वाले व्यक्ति के घर पर दुःख बिना बुलाए आता है और दूसरों को सुख पहुंचाने के लिए...

मनुष्य को किसी भी तरह के कुसंग से बचने के लिए सत्संग का लेना चाहिए आश्रय: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जिस घर में गरीब का सम्मान है और नीति का धन है, वह घर बैकुण्ठ के समान है। इंद्रियों को चाहे जितना तृप्त किया जाए, वे आज तक न तो...

भागवत और भगवान में रंच मात्र अंतर नहीं: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवताऽयं भागवतं= भागवत और भगवान में रंच मात्र अंतर नहीं है. हम जीवों के कल्याण के लिए भगवान ही भागवत के रूप में प्रकट हुए हैं. भागवत की पूजा करने...

श्रद्धावान व्यक्ति को ही प्राप्त होता है ज्ञान: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीवन में ज्ञान का उदय हो जाये तो उसकी पहचान है शोक की निवृत्ति. फिर जीवन में किसी प्रकार का शोक नहीं रह जाता. अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से...

ज्ञान में ईश्वर को झुकाने की नहीं है ताकत: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दो ऐसे महापुरुष हुए जिनको भगवान सदैव चतुर्भुज दिखते हैं. (क) अर्जुन विश्वरूप का दर्शन करने के बाद, अर्जुन ने कहा हमें वही चतुर्भुज रूप का दर्शन कराओ, जिसे मैं...

पहले विश्व के रूप में प्रकट होते हैं भगवान: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, यह जगत भी परमात्मा का रूप है। यही वैष्णव सिद्धांत है। जो जगत का कर्ता भी है और स्वयं जगत का रूप भी है। ये सारा जगत भगवान का ही...

आत्मा का नाश हो जाना ही है मुक्ति: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ।।श्री विष्णु महापुराण कथा में अपवर्ग क्या है? मुक्ति क्या है? मुक्ति का भी वास्तविक निरूपण विष्णु पुराण में किया गया है। मुक्ति के विषय में भी लोगों के भिन्न-2...

बड़ी सरल विद्या है पुराण विद्या: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान व्यास स्वयं कहते हैं। "पुराण विद्या च सनातनी " यह विद्या सनातनी है। इसका मतलब द्वापर में पाराशर महर्षि और व्यास जी पुराण की रचना करते हैं। इसके पहले...
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