Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान् श्री कृष्ण की कथा में श्रीशुकदेवजी जैसे महायोगी और राजा परीक्षित जैसे श्रेष्ठ गृहस्थ को एक समान आनन्द मिलता है। इसका कारण यह है कि श्रीकृष्ण महायोगी भी...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान् की कथा माँ के समान है, कथा माता है। यह नया जन्म देती है। इसीलिए कथा सुनने के बाद पुराने दोषों का नाश होना चाहिए। कथा सुनने के...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रद्धा से युक्त किए गए सत्कर्म से जीवन को परमात्मा और परोपकार के साथ जोड़ देना ही सच्चा श्राद्ध है। प्रभु के द्वारा दिए गए इस मानव देह के...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मन्दिर में प्रभु के पास जाओ, तब प्रभु के उपकारों का स्मरण करो, हृदय को भावना से भर दो और भावपूर्ण हृदय से परमात्मा की वंदना करो। वंदन में...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मन को प्रेम से समझाकर प्रभु के मार्ग में लगाने और प्रभु-स्मरण में लीन होकर खुली आँखों से ही प्रभु के दर्शन को ऊँची स्थिति पर पहुँचने की क्रिया...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, माता और पुत्री का हृदय एक जैसा होता है, इसलिए एक को दूसरे का डर नहीं रहता। लेकिन सास-बहू एक ही घर में हमेशा रहकर हृदय से अलग-अलग होते...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पुण्य करते समय अभिमान में चूर रहने वाला गाफिल मनुष्य पाप करते समय बड़ी सावधानी रखता है। उस समय तो अंग-अंग में इस बात की सावधानी घर कर जाती...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्त एकनाथ की पत्नी उनके लिये बहुत अनुकूल थी, इसलिए भक्त प्रसन्न होकर प्रभु से कहता, " मेरे नाथ ! तूने खूब दया करके मुझे घर में ही सत्संग...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मानव का अन्तकाल बहुत कष्टदायक होता है। उस समय यदि पुण्य का स्मरण हो और तीर्थ में किए गये प्रभु के दर्शन की झांकी सामने आ जाये तो जीव...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, याद रखो ! तुम्हारी खबर लेने के लिए परमात्मा किसी न किसी रूप में तुम्हारे दरवाजे पर अवश्य आते हैं। सम्भव है वे कभी दरिद्रनारायण के रूप में, कभी...