मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार भारत को वित्त वर्ष 2026 में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए खर्च नियंत्रित करना होगा. कर संग्रह धीमा है, पूंजीगत व्यय बढ़ा है और राजकोषीय घाटा पहली छमाही में 21% बढ़ चुका है.
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार भारत को वित्त वर्ष 2026 में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए खर्च नियंत्रित करना होगा. कर संग्रह धीमा है, पूंजीगत व्यय बढ़ा है और राजकोषीय घाटा पहली छमाही में 21% बढ़ चुका है.