राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के लिए भारत को दूसरी छमाही में खर्च की रफ्तार को करना होगा धीमा: Morgan Stanley

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत को वित्त वर्ष 2026 में अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वर्ष की दूसरी छमाही में खर्च की गति को नियंत्रित करना पड़ सकता है. मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय अभी भी मजबूत बना हुआ है, जबकि नॉमिनल जीडीपी की धीमी बढ़त के कारण राजस्व वृद्धि अपेक्षाकृत कमज़ोर दिखाई दे रही है.

वैश्विक फाइनेंशियल फर्म ने कहा कि वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में कर आय वृद्धि बजट के अनुमान से कमजोर रही है. राजस्व संग्रह इस वित्त वर्ष में सालाना आधार पर केवल 4.5% बढ़ा है, जो कि सरकार के पूरे वर्ष के लक्ष्य 12.6% से काफी कम है.

अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 2.5% की हुई बढ़त

रिपोर्ट के मुताबिक, यह मंदी कम जीडीपी अपस्फीति मूल्यों और हाई टैक्स रिफंड से जुड़ी हुई है. प्रत्यक्ष कर संग्रह में 3% का इजाफा हुआ है, जबकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 2.5% की बढ़त हुई है, जो कि बजट में निर्धारित लक्ष्य से काफी कम है. दूसरी ओर, सरकारी व्यय में इस बार तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल खर्च बढ़कर 9.1% पर पहुंच गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसमें 0.4% की कमी देखने को मिली थी. रिपोर्ट के मुताबिक, पूंजीगत व्यय सालाना आधार पर 40% तक उछला है, जबकि राजस्व व्यय में वर्ष-दर-वर्ष केवल 1.5% की मामूली वृद्धि हुई है.

GDP के अनुपात में 40–50 आधार अंकों तक कम रह सकता है कर संग्रह

मॉर्गन स्टेनली ने यह भी बताया कि FY26 की पहली छमाही में राजकोषीय घाटा लगभग 21% तक बढ़ चुका है. सकल घरेलू उत्पाद के 4.4% के पूरे वर्ष के घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए वर्ष की दूसरी छमाही में कर राजस्व वृद्धि को लगभग 30% तक तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता होगी. वित्तीय फर्म को मजबूत मांग, बेहतर अनुपालन और कम रिफंड के कारण कुछ सुधार की उम्मीद है.

हालांकि, रिपोर्ट में यह भी चेताया गया है कि कर संग्रह जीडीपी के अनुपात में 40–50 आधार अंकों तक कम रह सकता है. रिपोर्ट का कहना है कि यदि सरकार को FY26 के लिए निर्धारित राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से भटकने से बचना है, तो उसे साल के शेष महीनों में खर्च पर नियंत्रण या कटौती करने की आवश्यकता पड़ सकती है.

यह भी पढ़े: नए लेबर कोड से रोजगार, उपभोग और फॉर्मलाइजेशन में होगी बढ़ोतरी: SBI Report

Latest News

UN: कौन होगा संयुक्त राष्ट्र का नया प्रमुख? महासचिव चुनने की प्रक्रिया शुरू, रेस में चल रहें कई बड़े नाम

New UN Chief: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का दूसरा कार्यकाल जल्‍द ही समाप्‍त होने वाला है, ऐसे में...

More Articles Like This