हिंदू गौरव दिवस के रूप में मनाई गई कल्याण सिंह की दूसरी पूण्यतिथि, जानिए बाबू जी का व्यक्तित्व

Kalyan Singh Death Anniversary: पूर्व राज्यपाल व उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम पद्म विभूषण कल्याण सिंह के देहांत को आज दो वर्ष बीत चुके हैं. लोग बीजेपी नेता कल्याण सिंह को प्यार से बाबूजी बुलाया करते थे. आज कल्याण सिंह की दूसरी पुण्यतिथि हिंदू गौरव दिवस के रूप में मनाई गई. अलीगढ़ में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की. यहां पर पूर्व सीएम पद्म विभूषण कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. बता दें 21 अगस्त 2021 को हिंदूत्व के प्रबल सर्मथक कल्याण सिंह ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनके पार्थिव शरीर को अहिल्याबाई होल्कर स्पोर्ट्स स्टेडियम में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहां बाबूजी की अंतिम विदाई के लिए हजारों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी.

राजनीति में हासिल किया अलग मुकाम
अतरौली विधानसभा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले कल्याण सिंह 1962 में हार गए, लेकिन फिर बाबूजी ने 1967, 1969 व 1974 तक लगातार जीत कर अपना दबदबा बरकरार रखा. 1991 में यूपी के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद कल्याण सिंह ने वो किया जिसकी लाखों लोगों को प्रतिक्षा थी. हिंदू हृदय सम्राट कहे जाने वाले पद्म विभूषण कल्याण सिंह ने राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल किया और वो कर दिखाया जो शायद सबकी सोच से भी परे था.

हिंदू हृदय सम्राट
जब 1992 में कार सेवकों पर गोलियां चलवाने के लिए दबाव बनाया गया तब कल्याण सिंह ने कहा था, “मुझे एक कदम आगे की सूचना भी है की कार सेवक गुम्बद पर चढ़ गए हैं और गुम्बद को तोड़ना भी शुरु कर दिया है, लेकिन एक बात नोट कर लेना मैं गोली नहीं चलवाऊंगा, नहीं चलवाऊंगा, नहीं चलवाऊंगा.” अगर बात करें इनके राजनीतिक सफर की तो ये अपने राजनीतिक जीवन में सिर्फ दो चुनाव हारे 1962 और 1980 में. कल्याण सिंह VIP कल्चर के खिलाफ थे. हिंदू हृदय सम्राट कल्याण सिंह ने 89 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया.

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