Merry Christmas 2025: आखिर क्रिसमस डे पर सांता क्यों पहनते हैं लाल रंग के कपड़े? जानिए इसके पीछे की दिलचस्‍प कहानी

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Merry Christmas 2025: हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्‍योहर दुनियाभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इसके आते ही चारो तरफ जिंगल बेल जिंगल बेल की धुन बजने लगती है. यह धुन एहसास कराती है कि क्रिसमस का त्‍योहार आ गया है. क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री, केक और बच्‍चों को गिफ्ट देने वाले सांता का क्रेज रहता है. सांता की पहचान उसके लाल रंग के पोशाक, मोटे से पेट, बड़े बाल, सफेद दाढ़ी और हाथ में बेल से होती है.

वो अपनी पीठ पर गिफ्ट की पोटली लिए बच्चों को गिफ्ट देने आता है. क्रिसमस ट्री और क्रिसमस से जुड़ी कई सारी दिलचस्‍प कहानियां और किस्से तो आपको पता हैं. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि सांता क्‍लॉज क्रिसमस डे पर लाल रंग के ही कपड़े क्‍यों पहनते हैं. आपने गौर किया होगा कि क्रिसमस के दिन ज्यादातर लोग लाल रंग के कपड़े और लाल रंग की टोपी लगाते हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी…

क्यों लाल रंग के कपड़े पहनते हैं सांता Merry Christmas 2025

ईसाई संत निकोलस किसी भी गरीब को पैसे की तंगी के वजह से क्रिसमस मनाने से वंचित नहीं देख सकते थे. इसलिए वह गरीबों को खाने की चीजें और गिफ्ट बांटते थे. इस काम के दौरान वह लाल कपड़े पहनकर, चेहरे को दाढ़ी से ढककर निकलते थे. कहा जाता है कि तभी से सेंटा क्लाज का लाल पोशाक वाला रूप सामने आया.

लाल रंग जीसस क्राइस्ट के खून का प्रतीक

क्रिसमस के दिन लाल रंग के कपड़ों को लेकर कई सारी किस्‍से हैं. कहा जाता है कि लाल रंग प्‍यार और खुशी का रंग है. ईसाई धर्म में लाल रंग को जीसस क्राइस्ट के खून का प्रतीक माना जाता है. जो दूसरों के प्रति जीसस के बेपनाह प्‍यार को दर्शाता है. प्रभु यीशु हर ईसाई को अपनी संतान मानते थे और उन्‍हें बहुत प्‍यार करते थे. यही कारण थी कि वो लाल रंग के जरिए सभी को मानवता का पाठ पढ़ाना चाहते थे. उनका मानना था कि लाल खुशी का रंग है. इसलिए जहां प्‍यार होगा वहां खुशी दौड़ी चली आएगी.

यूरोप के कई हिस्सों में पैराडाइज प्ले का किया जाता था आयोजन

क्रिसमस के दिन लाल रंग को लेकर दूसरी मान्‍यता है कि मध्य युग के दौरान यूरोप के कई हिस्सों में क्रिसमस के एक दिन पहले शाम को पैराडाइज प्ले यानी नाटकों का आयोजन किया जाता था. इन नाटकों में दिखाया जाता है कि बगीचे में पैराडाइज ट्री पर लाल सेब लगे हुए होते थे. जो एडम का प्रतिनिधित्व करते हैं. साथ ही होली बेरीज जो एक तरह का पौधा है उसका रंग भी लाल होता है, जिसे ईसाई लोग काफी पसंद करते हैं. इसलिए कहा जाता है कि सांता क्लॉज लाल रंग के कपड़े पहन कर आता है.

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