देश में तेजी से बढ़ रहा Online लेनदेन, Digital Payment Index बढ़कर 493 पर पहुंचा

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारत में आम नागरिक तेजी से डिजिटल लेनदेन की दिशा में बढ़ रहे हैं, जिसका प्रभाव भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल पेमेंट्स इंडेक्स (RBI-DPI) में साफ देखा जा सकता है. RBI के अनुसार, मार्च 2025 तक यह इंडेक्स 10.7% की सालाना वृद्धि के साथ 493.22 पर पहुंच गया, जो मार्च 2024 में 445.5 था. डिजिटल भुगतान अपनाने की दर को मापने के उद्देश्य से RBI ने 1 जनवरी 2021 से प्रत्येक छह महीने में कम्पोजिट RBI-DPI इंडेक्स जारी करना शुरू किया. इस इंडेक्स से यह आकलन किया जाता है कि देश में डिजिटल लेनदेन की स्वीकार्यता और पहुंच किस गति से बढ़ रही है. RBI ने कहा कि इंडेक्स में हुई यह उल्लेखनीय वृद्धि पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती, सप्लाई साइड फैक्टर्स, और लेनदेन के प्रदर्शन जैसे प्रमुख कारणों की वजह से संभव हुई है.

6 वर्षों में 65,000 करोड़ डिजिटल लेनदेन

आरबीआई-डीपीआई में पांच व्यापक पैरामीटर शामिल हैं जिसके माध्यम से विभिन्न समयावधियों में देश में डिजिटल भुगतान की गहनता और पैठ को मापा जाता है. इसमें पेमेंट इनेबलर्स का भार 25%, पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर – डिमांड साइड फैक्टर्स का भार 10%, पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर-सप्लाई साइड फैक्टर्स का भार 15%, पेमेंट परफॉर्मेंस का भार 45% और उपभोक्ता केंद्रितता का भार 5% है. सरकार ने हाल ही में संसद बताया था कि पिछले छह वित्त वर्षों (वित्त वर्ष 20 से FY 25) में 65,000 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं, जिनकी वैल्यू 12,000 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही है.

टियर-2 और टियर-3 शहरों में डिजिटल पेमेंट्स का विस्तार

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार देश में टियर-2 और टियर-3 सहित डिजिटल भुगतान को अपनाने की दर बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), फिनटेक कंपनियों, बैंकों और राज्य सरकारों सहित विभिन्न पक्षकारों के साथ मिलकर काम कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरबीआई ने टियर-3 से टियर-6 शहरों, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर में डिजिटल भुगतान स्वीकार करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहित करने के लिए 2021 में एक पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (पीआईडीएफ) की स्थापना की है. 31 मई, 2025 तक, पीआईडीएफ के माध्यम से लगभग 4.77 करोड़ डिजिटल टचपॉइंट स्थापित किए जा चुके हैं.
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