भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र के हितधारक अब व्यापक आर्थिक संकेतकों में हो रहे सुधारों को लेकर अधिक सकारात्मक रुख अपना रहे हैं. अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स बढ़कर 56 पर पहुंच गया, जो कि इस वर्ष की पहली तिमाही में 54 था. इस बढ़त के साथ सेक्टर में लगातार चार तिमाहियों से जारी गिरावट के रुझान पर विराम लग गया है. मंगलवार को जारी नाइट फ्रैंक-एनएआरईडीसीओ की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई.
रियल एस्टेट में लौट रहा है निवेशकों का भरोसा
रिपोर्ट के मुताबिक, भविष्य के दृष्टिकोण को दर्शाने वाला फ्यूचर सेंटीमेंट स्कोर भी सकारात्मक संकेत दे रहा है. यह स्कोर पिछली तिमाही में 56 था, जो अब बढ़कर 61 हो गया है. यह आगामी छह महीनों के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र में आशावादी विश्वास और स्थिर सुधार की उम्मीद को दर्शाता है. एक लंबे समय के बाद हितधारक अल्पकालिक वैश्विक अनिश्चितताओं से आगे देखने लगे हैं और अपनी उम्मीदें भारत की संरचनात्मक आर्थिक मजबूती, उदार मौद्रिक नीति और प्रीमियम आवासीय एवं कार्यालय क्षेत्रों में मजबूत मांग पर टिका रहे हैं.
2025 की दूसरी तिमाही में रियल एस्टेट सेक्टर ने पकड़ी रफ्तार
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल (Shishir Baijal) ने कहा, 2025 की दूसरी तिमाही रियल एस्टेट उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, क्योंकि वर्तमान और भविष्य के दोनों ही सेंटीमेंट स्कोर में सुधार इस सेक्टर की मजबूती और अनुकूलनशीलता को दर्शाता है. जैसे-जैसे हाई-फ्रिक्वेंसी इंडीकेटर्स निरंतर गति दिखा रहे हैं, हितधारक दीर्घकालिक विकास के लिए खासकर प्रीमियम और उच्च-उपज वाले परिसंपत्ति वर्गों में अपनी रणनीतियों को नए सिरे से तैयार कर रहे हैं.
रेपो दर कटौती और मजबूत मांग से डेवलपर्स का भरोसा लौटा
इस तिमाही के इंडेक्स में सबसे उत्साहजनक संकेतों में से एक डेवलपर के विश्वास में पुनरुत्थान है. डेवलपर्स के बीच सेंटीमेंट में तेजी से वृद्धि देखी गई है, उनका फ्यूचर सेंटीमेंट स्कोर पहली तिमाही के 53 से बढ़कर 2025 की दूसरी तिमाही में 63 हो गया है. यह बदलाव मुख्यतः वित्तीय परिस्थितियों में आसानी, भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) द्वारा 2025 की पहली छमाही में 100-बीपीएस संचयी रेपो दर में कटौती के बाद उधारी लागत में कमी और हाई-टिकट आवासीय मांग में स्पष्ट वृद्धि के कारण है.
रियल एस्टेट सेंटीमेंट में चारों क्षेत्रों में सुधार
रिपोर्ट के अनुसार, विशेष रूप से, गैर-डेवलपर हितधारकों ने भी इस तिमाही में अधिक सकारात्मक धारणा व्यक्त की है, जिनमें बैंक, एनबीएफसी और निजी इक्विटी फंड शामिल हैं. भौगोलिक रूप से, धारणा में यह सुधार देश के सभी चार क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है। उत्तरी क्षेत्र, जो 2025 की पहली तिमाही में कोरोना के बाद के निम्नतम 48 पर पहुंच गया था, 2025 की दूसरी तिमाही में 55 के स्कोर पर पहुंच गया. पश्चिमी क्षेत्र में 58 से बढ़कर 61 अंक हो गए, जिसका श्रेय मुंबई और पुणे जैसे बाजारों में निरंतर मजबूती को जाता है, जहां आवासीय आपूर्ति और कार्यालय स्थान की निरंतर मांग में कंसोलिडेशन देखा जा रहा है.
दक्षिण भारत बना रियल एस्टेट का मजबूत केंद्र
दक्षिणी क्षेत्र 58 से बढ़कर 63 अंक के साथ सबसे मजबूत प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरा, जिसका श्रेय बेंगलुरु और हैदराबाद के व्यावसायिक मजबूती और प्रमुख सूक्ष्म-बाजारों में जीवनशैली-आधारित घरों की बढ़ती मांग को जाता है. इस बीच, पूर्वी क्षेत्र 61 अंक पर स्थिर रहा, जहां कोलकाता के आवासीय क्षेत्र में लगातार मध्य-बाजार गतिविधि और खरीदारों का विश्वास दिखाई दे रहा है. प्रीमियम और लग्जरी कैटेगरी, विशेष रूप से 1 करोड़ रुपए से अधिक कीमत वाली, अच्छा प्रदर्शन जारी रख रही हैं. डेवलपर्स चुनिंदा उच्च प्रदर्शन वाले सूक्ष्म-बाजारों पर ध्यान केंद्रित कर रणनीतिक परिपक्वता दिखा रहे हैं. आवासीय मूल्य निर्धारण को लेकर सेंटीमेंट मजबूत है। 2025 की दूसरी तिमाही में, 94 प्रतिशत हितधारकों को उम्मीद है कि कीमतें स्थिर रहेंगी या पिछली तिमाही के बराबर बढ़ेंगी.