लखनऊः सोमवार को राजधानी लखनऊ में भाजपाजनों ने जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिविल अस्पताल पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सूर्य प्रताप शाही सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अखण्ड भारत के लिए बलिदान दिया थाः सीएम
श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि आज ही के दिन 1953 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अखण्ड भारत के लिए बलिदान दिया था. स्वतंत्र भारत में कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने देश को अपने विजनरी नेतृत्व में लाभान्वित किया. देश की औद्योगिक नीति तय करने में बड़ी भूमिका निभाई.
सीएम योगी ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आजादी के तत्काल बाद राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ किए जा रहे खिलवाड़ को देखते हुए इस्तीफा दिया. उन्होंने भारतीय जन संघ के पहले अध्यक्ष के रूप में देश में एक नई राजनीतिक शुरुआत को आगे बढ़ाया था.
#WATCH लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आज भारत माता के महान सपूत भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पावन पुण्यतिथी है। आज ही के दिन 1953 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने अखण्ड भारत के लिए बलिदान दिया था… स्वतंत्र भारत में… https://t.co/ZyDDBKd1tV pic.twitter.com/hecjAAQidj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 23, 2025
जम्मू–कश्मीर की जेल में डॉ. मुखर्जी ने दिया बलिदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने वर्ष 1952 प्रथम आम चुनाव के बाद देश के संविधान में धारा 370 को टाल कर राष्ट्रीय एकता को चुनौती दी थी. इसके साथ ही कश्मीर में परमिट सिस्टम लागू किया गया. सरकार के लोगों ने ही देश की सुरक्षा के साथ राष्ट्रीय एकता और अखंडता को चुनौती देने का काम किया. इस पर डॉ. मुखर्जी ने एक देश में एक प्रधान, एक विधान और एक निशान का उद्घोष करते हुए कश्मीर में प्रवेश किया था. इस दौरान उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया. जम्मू-कश्मीर की जेल में उन्होंने 23 जून 1953 को बलिदान दे दिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने वर्ष 1953 में जो सपना देखा था, ‘एक भारत…अखंड भारत और सुरक्षित भारत’ का उसे साकार होने में 65 से 66 वर्ष लगे. जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 5अगस्त 2019 को कश्मीर में धारा 370 समाप्त हुई. आज जम्मू-कश्मीर लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों के साथ भारत के संविधान की भावनाओं के अनुरूप एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पनाओं को साकार कर रहा है.