Ishaq Dar: पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने पहली बार सार्वजनिक स्वीकारोक्ति में यह स्वीकार किया है कि भारत ने दोनों देशों के बीच विवादों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया. साथ ही उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे का भी खंडन किया है, जिसमें कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए आमंत्रित किया गया था.
इशाक डार ने कहा कि जब इस्लामाबाद ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के समक्ष ट्रंप के दावे को उठाया, तो अमेरिकी राजनयिक ने स्पष्ट किया कि नई दिल्ली का हमेशा से यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी मामले “पूरी तरह से द्विपक्षीय” हैं.
तीसरे पक्ष की भागीदारी से पाकिस्तान को कोई आपत्ति नहीं
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि हमें तीसरे पक्ष की भागीदारी से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन भारत स्पष्ट रूप से कह रहा है कि यह एक द्विपक्षीय मामला है. हमें द्विपक्षीय बातचीत से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बातचीत व्यापक होनी चाहिए, आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था, जम्मू-कश्मीर, सभी विषयों पर जिन पर हम पहले चर्चा कर चुके हैं.
भारत योजना पर सहमत नहीं
उन्होंने बताया कि वाशिंगटन ने मई में एक युद्धविराम प्रस्ताव दिया था, जिसमें सुझाव दिया गया था कि भारत और पाकिस्तान किसी तटस्थ स्थान पर बातचीत करें. वहीं, 25 जुलाई को वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो के साथ एक अनुवर्ती बैठक के दौरान, डार को बताया गया कि भारत इस योजना पर सहमत नहीं है.
पाकिस्तान ने दोहराई भारत से बातचीत की प्रतिबद्धता
विदेश मंत्री डार ने कहा कि भारत का कहना है कि यह एक द्विपक्षीय मामला है और हम किसी चीज़ की भीख नहीं मांग रहे हैं. हम एक शांतिप्रिय देश हैं और हमारा मानना है कि बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता है, लेकिन बातचीत के लिए दो लोगों की ज़रूरत होती है.” इसके साथ ही डार ने ये भी दोहराया कि यदि भारत चाहे तो पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है.
इसे भी पढें:-डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में बड़ी चूक, विंडसर कैसल के पास दो संदिग्ध गिरफ्तार