तालिबान ने पाकिस्तान को दिया झटका, हमले की धमकियों के बीच व्यापार को लेकर लिया फैसला

Afghan Government : काफी लंबे समय से चल रहे अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर अब तालिबानी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. बता दें कि अफगानिस्तान सरकार ने पाकिस्तान के साथ व्यापार और ट्रांजिट रोकने का ऐलान किया है. अफगानिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने घोषणा करते हुए कहा कि उद्योगपतियों और व्यापारियों के साथ एक बैठक में निर्णय लिया.

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार बरदार ने व्यापारियों के साथ एक बैठक में कहा कि “अफगान के व्यापारियों को तुरंत पाकिस्तान से इतर वैकल्पिक व्यापार मार्गों (Business Route) की तलाश करनी चाहिए.” इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि “देश की गरिमा की रक्षा, व्यापार, उद्योग और अफगानियों के अधिकारों की रक्षा के लिए, इस्लामिक अमीरात ने हमारे व्यापारी भाईयों को सूचित किया है. ऐसे में इसमें पाकिस्तान की तरफ से बार-बार व्यापार किए जाने वाले रास्तों को रोका गया है.

व्यापारियों को दी सख्त चेतावनी

इतना ही नही बल्कि उन्होंने व्यापारियों को सख्त चेतावनी दी और कहा कि नोटिस के बावजूद अगर कोई भी व्यापारी पाकिस्तान के रास्ते माल का आयात या निर्यात करता है, तो उसे गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इसके साथ ही पाकिस्‍तान के साथ आयात-निर्यात करने वाले व्यापारी पर कोई समस्‍या आती है, तो सरकार उसकी कोई मदद नहीं करेगी. इसलिए उन्‍होंने सलाह देते हए कहा कि पाकिस्‍तान से कोई भी व्‍यापार न करें. बता दें तालिबान सरकार ने यह फैसला पाकिस्तान की ओर से लगातार दी जा रही हमले की धमकियों के बीच लिया है.

अफगानिस्तान और ब्रिटिश भारत को अलग करती है यह लाइन

जानकारी के मुताबिक, जिस हिस्से में पिछले कुछ वक्त से दोनों देशों के बीच झड़प देखने को मिली है, उसकी वजह कुर्रम नाम का जिला है. जानकारी देते हुए बता दें कि एक समय में यह फेडरली एडमिनिस्टरड ट्राइबल एरियाज (FATA) का इलाका हुआ करता था और यह बड़े-बड़े पहाड़ों, घने जंगलों और गहरी घाटियों से घिरा हुआ है. इसके साथ ही यहां पश्तून कबीले के लोग रहा करते थे. बता दें कि 1983 में ब्रिटिशों ने ड्यूंड लाइन बनाई थी. जो अफगानिस्तान और ब्रिटिश भारत को अलग करती थी.

FATA नाम का बना एक अलग इलाका

लेकिन पश्तून कबीले में रहने वाले लोगों ने इसे कभी नही माना. ब्रिटिश सरकार को डर था कि अगर ये कबीले अफगानिस्तान से मिल गए, तो उनका कंट्रोल न के बराबर रह जाएगा. इसी वजह से उन्‍होंने FATA नाम का एक अलग इलाका बनाया, जिसमें बाजौर, मोहमान्द, खैबर, ओरकजई, कुर्रम, उत्तर वजीरिस्तान और दक्षिण वजीरिस्तान के अलावा 6 फ्रंटियर रीजन भी थे.

इस वजह से दोनों देशों तनाव

ऐसे में भारत से अलग होकर जब पाकिस्तान बना, तो तब के तात्कालीन प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना ने कबीलों से वादा किया था, कि हम इस इलाके को बिल्‍कुल पहले जैसा ही रहे देंगे. लेकिन पाकिस्तान ने साल 2018 में FATA को खैबर पख्तूनख्वा सूबे में मिला लिया और तभी से पश्तून के कबीले इसके विरोध में थे. ऐसे में कुर्रम अब खैबर पख्तूनख्वा का हिस्सा है. इसलिए अगर यहां हमला होता है, तो पाकिस्तान इसे अपने देश पर हमला मानता है. इस वजह से दोनों देश के बीच तनाव बना हुआ है.

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