Afghanistan: अफगानिस्तान के तालिबान सरकार ने एक चीनी कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. तालिबान शासित खान एवं पेट्रोलियम मंत्रालय ने चीनी कंपनी अफचिन के साथ तेल निकालने का अनुबंध रद्द कर दिया है. यह कॉन्ट्रैक अमू नदी में तेल निकालने के लिए था. तेल निकालने का अनुबंध 25 साल के लिए था.
खान एवं पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रवक्ता हुमायुं अफगान ने कहा कि चीन की कंपनी ने अनुबंध में किए गए वादों को पूरा नहीं किया, इस वजह से इसे रद्द करने का फैसला किया गया. इसमें निवेश करने में विफलता, कुओं की ड्रिलिंग और एक्सप्लोरेशन में कमी, जरूरी गारंटी की कमी, अफगान नागरिकों को रोजगार देने में विफलता और लापरवाही शामिल है.
अनुबंध के शर्तों को बार बार किया अनदेखा
हुमायूं अफगान ने कहा कि एक संयुक्त अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया था. जांच में पाया गया कि अनुबंध करने वाली कंपनी ने अनुबंध की शर्तों को बार-बार नजरअंदाज किया और इसे लागू करने में असफल रही. आर्थिक उप कार्यालय की सिफारिश और पीएम कार्यालय के आदेश के आधार पर अफचिन के साथ अमू नदी बेसिय के लिए तेल अनुबंध को खत्म कर दिया गया.
इस बीच अफगानिस्तान के आर्थिक विशेषज्ञों ने अफगानिस्तान की तत्काल जरूरतों के मद्देनजर खनन परियोजनाओं को देने की प्रक्रिया में अधिक जांच के महत्व पर जोर दिया. अफगानिस्तान में स्थानीय भागीदारी वाली कंपनियों को परियोजनाएं देने की मांग हो रही है. कहा जा रहा है कि इन कंपनियों को आवंटन से भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सकता है.
अफगान विश्लेषकों ने कहा…
तोलो न्यूज ने आर्थिक विश्लेषक मोहम्मद नबी अफगान के हवाले से कहा कि हमें तेल की बहुत जरूरत है और इसी किसी भी तरह निकाला जाना चाहिए. यदि वे सब कुछ ले लेते हैं और काम नहीं करते हैं, तो इससे न तो हमें फायदा होगा और न ही उन्हें. सरकार को भविष्य के अनुबंधों में ऐसे खंड शामिल करने से बचना चाहिए, जिससे ऐसे नतीजे सामने आएं. उन्होंने परियोजनाओं को लंबा न खिंचने की सलाह दी.
ये भी पढ़ें :- अगर इजरायल के साथ जंग में शामिल हुआ अमेरिका तो….ईरान ने राष्ट्रपति ट्रंप को दी चेतावनी